फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामला, नवनीत राणा की मांग का मुंबई पुलिस ने किया विरोध

Update: 2023-01-06 02:15 GMT

सोर्स न्यूज़   - आज तक  

मुंबई। मुंबई पुलिस ने अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पिता हरभजन सिंह रामसिंह कुंडेल की ओर से दायर उस आवेदन का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है.

सांसद और उनके पिता की ओर से पेश वकील अभिषेक मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. इससे पहले 2021 में नवनीत राणा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना प्रमाणपत्र सरेंडर करने का आदेश दिया था, क्योंकि यह निष्कर्ष निकाला गया था कि यह धोखाधड़ी से प्राप्त किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि नवनीत राणा की ओऱ से आवेदन (जाति प्रमाण पत्र के लिए) जानबूझकर एक फर्जी दावा करने के लिए किया गया था, ताकि वह अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित सीट पर सांसद पद के लिए चुनाव लड़ सकें. नवनीत राणा ने तब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी.

मजिस्ट्रेट अदालत में अभिषेक मिश्रा ने तर्क दिया कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक के आधार पर एक ही मुद्दे पर आपराधिक कार्यवाही स्वत: ही रुक जाएगी. लिहाजा मिश्रा ने सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की. इसका मुंबई पुलिस ने विरोध किया है. साथ ही पुलिस ने 5 जनवरी को अपना जवाब दाखिल किया. नवनीत राणा के खिलाफ मुंबई के मुलुंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. नवनीत के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी भी दस्तावेज़ को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) और 34 (सामान्य इरादा) से संबंधित है. नवनीत राणा के अलावा उनके पिता हरभजन सिंह रामसिंह कुंडेल को भी मामले में एक आरोपी के रूप में दिखाया गया है. इस मामले में चार्जशीट दायर की जा चुकी है और कोर्ट ने नवनीत राणा और उनके पिता की डिस्चार्ज याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि आरोप तय करने के लिए नवनीत और उनके पिता अदालत में पेश नहीं हुए, इसलिए दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) भी जारी किए गए.


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