Shimla. शिमला। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा का फैसला किया है। हार के कारणों को जानने के लिए फैक्ट फाइडिंग कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों का भ्रमण कर हार के कारणों की जांच करेगी और रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेगी। इस दौरान कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन का भी अवलोकन किया जाएगा। दरअसल, हिमाचल में कांग्रेस के सत्तासीन होने के बावजूद चारों लोकसभा सीटों पर पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री समेत आठ मंत्री लीड दिलवाने में नाकाम रहे हैं, जबकि छह मुख्य संसदीय सचिवों के विधानसभा क्षेत्रों में से पांच में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के अंदरूनी सर्वे में भी कांग्रेस के कम से कम दो सीटें जीतने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पार्टी को चारों ही सीटों पर करारी हार झेलनी पड़ी। कांग्रेस ने शिमला में पूर्व सांसद केडी सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी और मंडी में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह को टिकट देने का फैसला किया था।
दोनों मौजूदा विधायकों की टिकटों का ऐलान भी हाईकमान ने समय रहते कर दिया था और दोनों ही सीटों पर प्रचार भी जोर-शोर से किया गया। कांग्रेस के सबसे ज्यादा मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव शिमला संसदीय क्षेत्र से ही हैं, लेकिन इसमें से कांग्रेस को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र जुब्बल-कोटखाई और सीपीएस मोहन ब्राक्टा के रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र में ही बढ़त मिल पाई, जबकि अन्य सभी सीटों पर पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। कांग्रेस ने कांगड़ा में पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा को मैदान में उतारने के साथ ही पार्टी ने यहां धड़ों को पाटने की कोशिश भी की, लेकिन कांग्रेस को सबसे बड़ी हार कांगड़ा में ही झेलने को मिली। अब कांग्रेस हाईकमान की तरफ से गठित टीम इन सभी जगहों का दौरा कर हार के कारणों की समीक्षा करेगी और इसकी रिपोर्ट हाइकमान को सौंपी जाएगी। कांग्रेस ने फैक्ट फाइडिंग कमेटी का गठन समूचे देश में किया है।