सुन्नी बस स्टैंड में सुविधाएं ठप

Update: 2024-05-09 11:41 GMT
सुन्नी। शिमला ग्रामीण के सुन्नी में करोड़ों रुपए की लागत से बना बस अड्डा सफेद हाथी बनकर रह गया है। लगभग पांच वर्ष पूर्व बने उक्त बस अड्डे में किसी भी प्रकार की गतिविधियां न होने से यह अड्डा सफेद हाथी बनकर रह गया है। सरकार कोई भी हो इसके संचालन में रूचि नहीं दिखा रही है। बस अड्डे में एक प्रभारी की नियुक्ति तो की गई हैं, जो केवल बसों की एंट्री करने तक सीमित हैं। बस अड्डे के भवन लगभग सभी सुविधाओं से परिपूर्ण होने के बावजूद सभी कमरों में ताले जड़े हुए हैं। बस अड्डे में दुकानें भी बनाई गई है, परंतु कोई भी गतिविधियां न होने के कारण दुकानें बंद पड़ी हैं। जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले दुकानें किराए पर चढ़ भी गई थी, परंतु कोई भी आमदनी न होने से दुकानों के लिए कोई भी आगे नहीं आया।
वहीं बुकिंग क्लर्क की नियुक्ति न होने से न तो कर्मचारियों और न ही स्कूली बच्चों को पास सुविधा मिल रही है। जबकि दर्जनों स्कूल, एक कालेज तथा कई कार्यालय यहां मौजूद है। जानकारों का कहना है कि आसपास के होटलों में खाना एवं जल पान के लिए बसें रोकी जाती है, उन्हें बस अड्डे पर रोका जाए, तो परिवहन निगम की आमदनी भी बढ़़ेगी तथा लोगों को भी सुविधा मिलेगी। साथ ही लोगों ने उक्त बस अड्डा को उप डिपो बनाने की भी मांग की है। कांग्रेस प्रशिक्षण विभाग के प्रांतीय अध्यक्ष एवं चुनाव वार रूम के सह अध्यक्ष एचके हिमराल ने बताया कि चुनाव के शीघ्र बाद बस अड्डे स्टाफ मुहैया करवाकर इसे सुचारू तौर पर चलाया जाएगा, जिसके लिए सीएम से पुरजोर आग्रह किया जाएगा।
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