EXCLUSIVE: गोगरा और हॉट-स्प्रिंग से हटे भारत-चीन की सेना...लेकिन डेपसांग मेन पोस्ट के पास डाला डेरा... सैटेलाइट इमेज में दिखी चीनी सेना की करतूत

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Update: 2021-03-02 02:25 GMT

पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग लेक क्षेत्र में भारत और चीन के बीच डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनी है. जिसके बाद टकराव वाले क्षेत्र से सेना की तैनाती हटाई जा रही है. इस बीच कुछ सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं जिनसे पता चल रहा है कि डेपसांग इलाके में चीन की तरफ से निर्माण किया गया है. सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) ने स्थायी चीनी पोस्ट की नाइट इमेज ली है.

इसमें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास बने चीनी निर्माण की झलक दिखाई दी है. लद्दाख में दुनिया की सबसे उंची एएलजी यानि एडवांस लैंडिंग ग्राउंड दौलत बेग ओल्डी यानी डीबीओ से 24 किलोमीटर दूर एक चीनी पोस्ट है. यह पोस्ट अक्साई चिन इलाके में पड़ता है. 1962 के युद्ध के बाद यह पोस्ट बनाई गई थी. पिछले कुछ सालों में लगातार यहां पर कुछ न कुछ अपग्रेड हुआ है.
लेटेस्ट इमेज में पता चला है कि इसके मुख्य इमारत से सटी हुई कुछ और निर्माण भी किए गए हैं. इसके अलावा कैंप्स, गाड़िया और फेंसिंग भी की गई है. ये सब अगस्त 2020 से हो रहा है.
एडवांस लैंडिंग ग्राउंड डीबीओ, डेपसांग से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर है. जिसके चलते भारत को चीन पर इस इलाके में बढ़त हासिल है. चीन के लिए इसका महत्व है. क्योंकि इसके करीब से ही चीन का जी-219 हाईवे गुजरता है, जो तिब्बत को शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है.
SAR द्वारा 25 फरवरी की रात ली गई एक तस्वीर में देखा गया है कि वर्तमान गतिरोध के बीच चीनी ट्रूप ने अपने टैंक और ट्रूप्स को भारतीय सीमा के पास खड़ा किया है. पहली इमेज में साफ दिखाई दे रहा है कि मेन बिल्डिंग के पास एक नया निर्माण खड़ा किया गया है. इसके अलावा सोलर पैनल्स, एंटीना टावर, डिफेंस सिस्टम और दीवार खड़ी की गई है.
इसमें नए शेल्टर्स और कैंप बने हुए दिखाई दे रहे हैं. पहली बार यह निर्माण जुलाई 2020 में देखा गया था. जब गलवान रीवर वैली में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक मुठभेड़ हुई थी.
दो मंजिला इमारत अस्थायी कैंप्स और शेल्टर्स से घिरे हुए नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर में नई सपोर्ट इमारत, ऑब्जर्वेशन पोस्ट्स और टॉवर भी देखे जा सकते हैं.
इस पोस्ट पर पहले तीन मुख्य बिल्डिंग्स खड़ी थी. जिससे कि ज्यादा संख्या में सैनिकों को रखा जा सके. हालांकि गतिरोध के दौरान पोस्ट पर विस्तार किया गया है.
बता दें कि डिसएंगेजमेंट प्लान के मुताबिक, चीन फिंगर आठ के पास चला जाएगा और भारत पीछे हटकर फिंगर 3 के पास अपने धन सिंह थापा पोस्ट के पास चला जाएगा. इसके अलावा दक्षिणी किनारे पर मौजूद तैनाती को भी हटा लिया जाएगा. इसके बाद जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती है दोनों देशों की ओर से पैट्रोलिंग नहीं होगी.
मालूम हो कि चीन ने पैंगोंग लेक के टकराव वाले क्षेत्र से अपने बंकरों को तोड़ दिया है. तंबू उखाड़ दिए हैं और अपनी तोपों को भी हटा दिया है. अब चीन की सेना इस स्थान को खाली कर रही है.
भारतीय सेना द्वारा जारी तस्वीरों के अनुसार कई चीनी सैनिक वापस अपने परमानेंट पोस्ट की ओर जा रहे हैं, साथ ही टकराव के बिंदु पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर चीन ने जो टैंक तैनात किए थे, उसे भी वापस ले जा रहा है.
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