रिज खाली करने से सब हैरान, याद आया लॉकडाउन

Update: 2024-05-08 10:16 GMT
शिमला। राजधानी में राष्ट्रपति का दौरा मंगलवार को आखिरकार पूरा हो गया। कुछ सडक़ें विप मोमेंट के कारण बंद होने या ट्रैफिक रोक जाने से एक तरफ जहां स्कूली बच्चों और अभिभावकों को परेशानी हुई, वहीं दूसरी तरफ रिज को पूरी तरह खाली करने से शहरवासी भी हैरान थे। शिमला में प्रशासन ने गेयटी थियेटर तक राष्ट्रपति के आने से पहले रिज को खाली करवा लिया था। सिर्फ आईजीएमसी से आने वालों के लिए रास्ता रखा गया था। शाम को इस तरह के फोटो देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे कोरोना का लॉकडाउन फिर से लग गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पिछले साल भी शिमला आई थी और माल रोड तक उनके द्वारा तब भी हुआ था लेकिन इस तरह रिज को खाली नहीं किया गया था। मंगलवार को राष्ट्रपति सुबह तारा देवी मंदिर और संकट मोचन मंदिर दर्शन के लिए गई थी। इसलिए इन मंदिरों को जाने वाली संपर्क सडक़ों को पहले ही बंद कर दिया था।

शहर के संजौलीए संकट मोचन और तारादेवी की ओर से आने वाले स्कूली बच्चों को परेशानी का समाना करना पड़ा। यहां पर सुबह से ही गाडिय़ों को रोकना शुरू कर दिया था। ऐसे में गाडिय़ों की काफी लंबी कतार लग गई थी और स्कूल की बस और गाडिय़ां जाम में फंसी रही। ऐसे में कई गाड़ी चालकों ने स्कूल प्रबंधन ने से बात की ओर बच्चों को वापस घर ही छोडऩा पड़ा। स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के लिए लगी टैक्सियों को समय पर पहुंचने में दिक्कत हुई। अभिभावकों की भी यही नाराजगी थी कि प्रशासन को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर देनी चाहिए थी। वहीं, बालुगंज से आने वाले बच्चों को पैदल ही ऑकलैंड, ताराहॉल, दयानंद और अन्य स्कूलों तक पहुंचना पड़ा। लेकिन सुबह के समय उन्हें विधानसभा और एजी चौक के पास रोक दिया गया। यहां पर करीब एक घंटे तक सभी लोगों को रोका गया। लोगों को राष्ट्रपति के काफिले के जाने का इंतज़ार करना पड़ा। लोगों का कहना यह भी था कि सुरक्षा के आधार पर यह व्यवस्था बनाई गई थी तो प्रशासन को स्कूलों में एक दिन के अवकाश की घोषणा करनी चाहिए थी। इससे जहां स्कूली बच्चों का समय भी बर्बाद न होता और न ही बच्चों सहित अभिभावकों को कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता।
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