पर्यावरण कार्यकर्ता ने दी जान? संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद हड़कंप

पिछले 30 साल में उन्होंने 3 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए।

Update: 2022-09-21 12:05 GMT
न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: देवानागिरी में एक पर्यावरण कार्यकर्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव सड़क किनारे एक पेड़ से लटकता पाया गया। बताया जा रहा है कि उन्होंने खुदकुशी कर ली। हालांकि कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला है। मृतक की पहचान 68 साल के वीराचारी के रूप में हुई है जो कि मितलाकट्टे गांव में रहते थे।
पिछले 30 साल में उन्होंने 3 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए। वह सड़क किनार पेड़ लगाया करते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिस पेड़ से उनका शव लटकता हुआ पाया गया वह भी उन्होंने ही लगाया था। साल 2019 में उन्हें कन्नड़ राज्योत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वीराचारी के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा, एक बेटी हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वह पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम के तहत मिलने वाले अनाज की क्वालिटी से बहुत परेशान थे। उनका कहना था कि लोगों को खराब अनाज मिलता है। इस बात को लेकर उन्होंने समोवार को सिद्दारामप्पा के खिलाफ डिप्टी कमिश्नर से शिकायत की थी। डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि प्रशासन की तरफ से सिद्धारामप्पा का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया था लेकिन उसने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया। हरिहर ग्रामीण थाने में घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।
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