Eli Lilly की एंटीबॉडी दवाई को अब कोरोना के इलाज में आपातकालीन इस्तेमाल की मिली मंजूरी

भारत, अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल प्रमुख की सहायक कंपनी एली लिली

Update: 2021-06-01 11:05 GMT

भारत, अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल प्रमुख की सहायक कंपनी एली लिली (Eli Lilly) को कोरोना के इलाज के लिए एंटीबॉडी दवाओं के आपातकालीन इस्तेमाल (Emergency Use) की मंजूरी मिल गई है. कंपनी की ओर से खुद इस बात का ऐलान किया गया है. जानकारी के मुताबिक जिन मरीजों को कोरोना के हल्के या मध्यम लक्षण है, उन्हें Bamlanivimab 700mg और Etesevimab 1400mg मिलाकर देने की अनुमति दी गई है.

लिली इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर लुका विसिनी ने कहा, हमें खुशी है कि हमारे पास भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को पेशकश करने के लिए एक ट्रीटमेंट ऑफर है जो कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे बने हुए हैं. लिली, भारत और दुनिया भर में कोविड-19 महामारी को खत्म करने में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम यह रिसर्च करना जारी रखेंगे कि हमारे मौजूदा पोर्टफोलियो और चल रहे शोध से कोविड -19 के रोगियों को कैसे फायदा हो सकता है.
किन लोगों को दी जा सकती है दवा
जानकारी के मुताबिक Bamlanivimab 700mg और Etesevimab 1400mg को एक साथ इंजेक्शन के माध्यम से वयस्कों और बाल रोगियों को अस्पतालों में हल्के से मध्यम कोविड -19 के इलाज के लिए सीमित तरीके से दिया जा सकता है. इन लोगों में 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के, कम से कम 40 किलोग्राम वजन वाले) मरीज शामिल हैं.
वहीं कुछ समय पहले दवा कंपनी एली लिली ने कोविड-19 (Covid-19) की अपनी दवा बैरिसिटीनिब के उत्पादन के लिए भारत (India) में तीन कंपनियों टॉरेंट फार्मास्यूटिकल्स, डॉ रेड्डीज और एमएसएन लैबोरेट्रीज के साथ अतिरिक्त स्वैच्छिक लाइसेंस समझौते किए थे. एली लिली ने समझौते के तहत तीनों कंपनियों को अतिरिक्त रॉयल्टी मुक्त, गैर विशेष स्वैच्छिक लाइसेंस जारी किए थे.
कंपनी ने एक बयान में बताया, "इन तीन अतिरिक्त स्वैच्छिक लाइसेंस समझौतों से इस महामारी के दौरान बैरिसिटीनिब का उच्च गुणवत्तापूर्ण निर्माण और उपलब्धता सुनिश्चित होगी जिससे भारत में इस समय कोविड-19 से जूझ रहे लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डालने की खातिर इलाज के स्थानीय विकल्प बेहतर होंगे."


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