हाथी की तस्करी, तस्करों ने फर्जी दस्तावेज के साथ सौंपा ट्रांसपोर्टर का बिल, चिड़ियाघर में बेचने का कर रहे थे प्रयास

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Update: 2022-01-23 01:46 GMT

लखनऊ: पशु तस्करों ने उत्तर प्रदेश से जयपुर के चिड़ियाघर में एक नर और एक मादा हाथी पहुंचा दिया। वहां के अधिकारियों को इस बाबत दस्तावेज और ट्रांसपोर्टर का बिल उपलब्ध कराया गया। जब दस्तावेजों की जांच हुई तो तस्करों की हरकत का खुलासा हुआ। इस पर चिड़ियाघर के अधिकारियों ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

हजरतगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि वन विभाग, जयपुर के रेंज अधिकारी दीपक कुमार के मुताबिक वाजिद खान निवासी आमेर, आमिर खान और सोहनलाल तीन दिसंबर 2021 को यूपी से दो हाथी लेकर जयपुर के चिड़ियाघर पहुंचे। इन लोगों ने कुछ दस्तावेज भी अधिकारियों को सौंपे। इसके बाद उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ) से इसकी सत्यापन रिपोर्ट मांगी। क्योंकि इस रिपोर्ट के बाद ही हाथियों की कीमत का भुगतान किया जा सकता था। मगर, एचओएफएफ की रिपोर्ट से पता चला कि वाजिद, आमिर और सोहनलाल ने जो दस्तावेज पेश की थी, वह फर्जी थी। इससे साफ हो गया कि इन तीनों तस्करी कर चिड़ियाघर में हाथी बेचने का प्रयास कर रहे थे।
वन रेंज अधिकारी के मुताबिक वाहिद, आमिर और सोहनलाल वन्यजीव तस्करी गिरोह के सदस्य हैं। उनके खिलाफ 30 दिसंबर को जयपुर के आमेर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। जहां जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में मामले की विवेचना हजरतगंज थाने से होने के लिए भेज दी गई
आमेर थाने से मुकदमा हजरतगंज थाने पहुंची। मामले की विवेचना नरही चौकी प्रभारी विनय कुमार तिवारी को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि तस्करों ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के नाम से जाली दस्तावेज तैयार कराए थे। उन्होंने कहा कि जल्द ही रेंज अधिकारी से विस्तृत जानकारी हासिल कर पड़ताल शुरू की जाएगी।
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