Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड अपने विभिन्न प्रयासों के माध्यम से अपनी वित्तीय सेहत को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। ऐसे ही एक प्रयास में विद्युत बोर्ड लिमिटेड ने निर्णय लिया है कि एचपीएसईबीएल के स्वामित्व वाली भूमि पर तथा एचपीएसईबीएल के अधीन खाली स्थलों पर गैर आवासीय भवनों पर ग्रिड से जुड़े सौर पीवी संयंत्र, ग्राउंड माउंटेड तथा रूफ टॉप दोनों की स्थापना करके विद्युत बोर्ड की वित्तीय स्थिति को और मजबूत किया जाएगा। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां बोर्ड मुख्यालय में आयोजित विद्युत बोर्ड के पूर्णकालिक निदेशकों की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि पहले चरण के 19 मेगावाट प्राप्त करने के लिए कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन और हमीरपुर जिलों में स्थित एचपीएसईबी लिमिटेड के जेनरेशन और ईएस विंग के कार्यालयों के तहत खाली भूमि में साइटों का चयन किया गया है।
निदेशक मंडल ने इस उद्देश्य के लिए बोली प्रक्रिया को भी मंजूरी दे दी है, ताकि जल्द से जल्द यह उत्पादन क्षमता हासिल की जा सके। इसके अलावा एचपीएसईबी लिमिटेड की योजना अगले तीन वर्षों के भीतर अपनी उत्पादन क्षमता को 100 मेगावाट तक बढ़ाने की है, जिसमें सौर परियोजनाओं की स्थापना और आरईएससीओ मॉडल के तहत अपनी मौजूदा जल विद्युत परियोजनाओं का संवद्र्धन शामिल है। काजा में दो मेगावाट का सोलर प्लांट ट्रायल रन पर हैं। ये प्लांट अपने प्रकार का पहला संयंत्र है, जिसमें बैटरी बैकेज भी है, जिस पर 18 करोड़ खर्च आया है। इसके अतिरिक्त चंबा के धरवास में भी एक मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिस पर 10 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि इस प्रस्ताव के अनुसार एचपीएसईबी लिमिटेड अपने विभिन्न विद्युत मंडलों तथा मंडल कार्यालयों के अधीन खाली पड़ी भूमि पर रेस्को मॉडल के तहत ग्राउंड माउंटेड तथा रूफ टॉप सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन करके धन अर्जित करेगा। रेस्को मॉडल के तहत एचपीएसईबी लिमिटेड सौर संयंत्रों की स्थापना, रखरखाव तथा वित्तीय प्रबंधन के लिए लागत खर्च नहीं करेगा तथा अपनी खाली पड़ी भूमि के बदले सस्ती दरों पर बिजली प्राप्त करेगा।