इलेक्टोरल बॉन्ड: सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से मांगा जवाब, सुना भी दिया

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Update: 2024-03-15 05:54 GMT
नई दिल्ली: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से फिर जवाब मांगा है। एसबीआई ने चुनाव आयोग को पूरी जानकारी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस जारी कर पूछा उसने बॉन्ड के यूनिक नंबर निर्वाचन आयोग को क्यों नहीं दिए हैं। कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए एसबीआई से सोमवार तक जवाब मांगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद एसबीआई ने बुधवार को भारतीय निर्वाचन आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सौंपा था। वहीं आदेश के मुताबिक गुरुवार को ही चुनाव आयोग ने इस डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। हालांकि इसमें किसी भी बॉन्ड का यूनिक नंबर नहीं दिया गया है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने दो लिस्ट जारी की हैं। एक में बॉन्ड खऱीदने वालों की जानकारी है तो दूसरी में राजनीतिक दलों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड का ब्यौरा दिया गया है। हालांकि यह जानकारी नहीं मिली है कि किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है। यूनिक नंबर से यह पता चल सकता है कि किसने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया है। सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने एडीआर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि बॉन्ड के सीरियल नंबर नहीं दिए गए है। इसी से यह पता चलेगा कि आखिर बॉन्ड किसके लिए खरीदे गए हैं।
एसबीआई ने 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का डेटा दिया है। इसमें सबसे ऊपर फ्यूचर गेमिंग ऐंड होटल सर्विसेज का नाम है। इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. ये बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 के बीच खरीदे गए थे. वहीं दूसरा नाम मेघा इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का है जिसने 821 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं।
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