आज रैलियों पर रोक की मियाद बढ़ाने या खत्म करने पर फैसला करेगा चुनाव आयोग

Update: 2022-01-15 02:01 GMT

यूपी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कोविड प्रोटोकॉल को तोड़कर रैली का आयोजन किया. इस रैली में हजारों की संख्या में भीड़ थी. लखनऊ में शुक्रवार को ये सब जो हुआ, उसके खिलाफ एक्शन भी हुआ है. लखनऊ के डीएम के मुताबिक समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में आदर्श आचार संहिता और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है. पुलिस ने रैली के करने के आरोप में लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में महामारी एक्ट के तहत 2 हजार से ज्यादा समाजवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. FIR फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ हुई है, नामजद नहीं है. इतना ही नहीं पुलिस पर भी एक्शन हुआ है. चुनाव आयोग ने गौतमपल्ली इलाके के SHO को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही लखनऊ के एसीपी से भी जवाब मांगा गया है.

अब इस मामले पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच वार पलटवार का दौर भी शुरू हो गया है. एसपी नेता नरेश उत्तम ने कहा, ''यह कार्यक्रम वर्सुअल था. समाजवादी पार्टी ने किसी को नहीं बुलाया था. अगर बुलाया होता तो लांखों की संख्या में लोग आते. कोरोना के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं है. सभी लोग मास्क पहन कर आए थे.'' इतना ही नहीं योगी कैबिनेट में मंत्री रहे और अब समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने गोरखपुर में खिचड़ी कार्यक्रम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, ''सबसे पहले सीएम योगी पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए. आज गोरखपुर में मुख्यमंत्री हजारों लोगों के साथ खिचड़ी खा रहे थे. आचार संहिता मुख्यमंत्री तोड़ रहे हैं.''

स्वामी के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा, ''समाजवादी पार्टी कानून तोड़ने का नाम है, लाल टोपी उसी की निशानी है. दल बदलने वाले दो तीन लोग आ गए तो इस पर जश्न मनाने की क्या जरूरत है. पूरी तरह कोरोना गाइडलाइन्स को तोड़ा है.'' इन तमाम राजनीतिक बयानबाजियों के बीच एक बात तो साफ है कि अखिलेश यादव के आयोजन में चुनाव आयोग की रैलियों पर रोक के नियम को तोड़ा गया है और इसिलिए आयोग ने अफसरों पर कार्रवाई भी की है. चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक रैली, रोड शो और बाइक-साइकिल रैली पर रोक लगाई थी. आज चुनाव आयोग एक बार फिर मीटिंग करने वाला है और रैलियों पर रोक की मियाद बढ़ाने या खत्म करने पर फैसला करेगा.


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