चुनाव आयोग : बंगाल विधानसभा के आठ चरणों में चुनाव कराने को दी चुनौती
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. ऐसे में एक अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए बंगाल विधानसभा के आठ चरणों में चुनाव कराने को चुनौती दी है. याचिका सुनवाई के लिए इसी हफ्ते सूचीबद्ध हो सकती है.
पश्चिम बंगाल के आठ चरणों में मतदान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग का आठ चरणों में मतदान कराने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है. लिहाजा कोर्ट निर्वाचन आयोग को ऐसे चुनाव कराने से रोके. याचिका में कहा गया है कि चुनावी सभाओं में धार्मिक नारे लगाए जा रहे हैं. ये जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (3) और 125 का उल्लंघन है.
याचिका में कहा गया है कि आयोग ने उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. कोर्ट सीबीआई को ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दे. क्योंकि ये नारा लोगों की भावनाएं भड़का सकता है. इसलिए इस पर रोक लगे और जिन लोगों ने ये नारे जनसभाओं और राजनीतिक जुलूस जलसों और विभिन्न माध्यमों से चुनाव प्रचार के दौरान लगाएं या इस्तेमाल किए हैं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए. याचिका सुनवाई के लिए इसी हफ्ते सूचीबद्ध हो सकती है.
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने 26 फरवरी की शाम पश्चिम बंगाल में आठ, असम में तीन और तमिलनाडु व केरल के साथ पुडुचेरी में एक दिन एक चरण में मतदान कराने का चुनावी कार्यक्रम घोषित किया था. इसके तीसरे दिन ही ये याचिका सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में पहुंच गई है. वैसे इस याचिकाकर्ता वकील पर सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई बार बिना ठोस तथ्यों के पीआईएल दाखिल करने पर जुर्माना तक लगा चुका है.