बुजुर्ग दंपति ने पोते को कोरोना से बचाने के लिए ट्रेन के सामने कूदकर दी जान
भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर हर रोज हजारों की लोगों की जान ले रही है।
भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर हर रोज हजारों की लोगों की जान ले रही है। इसके अलावा कुछ लोग वो भी हैं जो कोरोना वायरस से नहीं बल्कि उसके डर के कारण अपनी जान खुद ही ले रहे हैं। राजस्थान के कोटा में एक बुजुर्ग दंपति ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान देदी। दोनों कोरोना संक्रमित थे, दोनों को डर था कि वह अपने पोते को संक्रमित कर देंगे। इसी डर से दोनों ट्रेन के आगे कूद गए।
पुलिस ने बताया कि उसे रेलवे ने आज कोटा शहर में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर मृत बुजुर्ग दंपति के बारे में जानकारी दी है। डिप्टी एसपी कोटा सिटी बीएस हिंगड ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर आत्महत्या करने वाले बुजुर्ग दंपति के शवों को बरामद किया और यह भी बताया कि उनकी उम्र 70 से 75 वर्ष के बीच थी।
बाद में पुलिस ने जांच के दौरान यह पाया गया कि बुजुर्ग दंपति कोरोना वायरस पॉजिटिव था और उन्हें डर था वे अपने परिवार के सदस्यों, विशेष रूप से उनके 19 वर्षीय पोते को संक्रमित कर देंगे"।
मृतक के परिवार ने खुलासा किया कि बुजुर्ग दंपति ने अपने इकलौते बेटे को 8 साल पहले एक हादसे में खो दिया था, जिसके बाद वे डर गए थे कि वे अपने एकल पोते और परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित नहीं करना चाहते थे, जिनके साथ वे एक ही घर में रह रहे थे।
बुजुर्ग दंपति का पोता अपनी मां और 2 बहनों के साथ कोटा शहर के रेलवे कॉलोनी इलाके में रहता है। हिंगड ने कहा कि बुजुर्ग दंपति का कोविड संक्रमण गंभीर नहीं था लेकिन फिर भी उन्होंने अपने पोते को संक्रमित करने के डर से दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मृतक की शव यात्रा कोविड -19 प्रोटोकॉल के कारण नहीं की जाएगी और शवों को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया जाएगा।