ED ने चीनी कंपनी VIVO और अन्य कंपनियों के 44 ठिकानों पर की छापेमारी

चीनी कंपनी (Chinese Firm) से जुड़े एक मामले में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और कुछ दक्षिणी राज्यों में प्रवर्तन निदेशालय की टीम छापेमारी (ED Raids Against Chinese Firm) कर रही है.

Update: 2022-07-05 14:05 GMT

चीनी कंपनी (Chinese Firm) से जुड़े एक मामले में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और कुछ दक्षिणी राज्यों में प्रवर्तन निदेशालय की टीम छापेमारी (ED Raids Against Chinese Firm) कर रही है. ईडी की यह कार्रवाई उस मामले के तहत ही की जा रही है जिसकी जांच सीबीआई (CBI Investigation On Chinese Firm In India) पहले से कर रही है. आरोप है कि भारत में स्थित चीनी कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) में लिप्त है. चीनी फर्म के ख़िलाफ़ यह पहली बार नहीं है जब ईडी छापेमारी कर रही है. दक्षिणी राज्यों में चीन की टेक कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पहले भी छापेमारी हो चुकी है. इनमें शओमी पर हज़ारों करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोप लगते रहे हैं. वहीं कथित रूप से चीन की कई ऐसी एप बेस्ड कंपनियां हैं जो भारत में फाइनेंशियल फ्रॉड करने में लिप्त है जिसपर आए दिन ईडी और सीबीआई कार्रवाई करती रही है.

बताया जा रहा है कि हालिया छापेमारी चीन की टॉप मोबाइल मैन्यूफैक्चरर कंपनी वीवो और इससे जुड़ी कुछ अन्य कंपनियों के ख़िलाफ़ भारत में 44 स्थानों पर की जा रही है. हाल ही में केन्द्र सरकार ने भारत में बिज़नेस के लिए कंपनी के पड़ोसी देश में ऑरिजिन की छानबीन को तेज़ की है. मई महीने में ZTE Corp. और Vivo Mobile Communication Co. के ख़िलाफ़ कथित रूप से वित्तीय अनियमितताओं की जांच की थी. वहीं Xiomi Corp. एक अन्य चीनी कंपनी है जो केन्द्रीय एजेंसी की जांच का केन्द्र बिंदू में बना हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ Vivo के ख़िलाफ़ अप्रैल महीने में "वित्तीय अनियमितताओं, वित्तीय रिपोर्टिंग की जांच के आदेश दिए गए थे." वहीं ZTE की भी फाइनेंशियल बुक भी ईडी की नज़र में है. चीनी कंपनियों के ख़िलाफ़ जांच भारत सरकार ने साल 2020 में सीमा पर दोनों देशों की सेना के खूनी भिड़ंत के बाद तेज़ किए हैं, जिसमें कई दौर की बातचीत भी हुई है. तब से चीन की भारत में एक सफल मोबाइल एप टिकटॉक सहित केन्द्र सरकार ने अबतक 200 से ज़्यादा चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया है.

मई महीने में केन्द्र सरकार (Central Government) ने अपने व्यापार का ब्योरा जारी किया था जिसके जवाब में चीन ने कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. वहीं केन्द्र सरकार ने बताया कि पिछले साल भारत ने अन्य देशों के मुक़ाबले अमेरिका से ज़्यादा व्यापार किया. बता दें कि भारतीय सौनिकों (Indian Army) पर चीनी सैनिकों (Chinese Army) के हमले और सीमा पर तनाव के बावजूद भारत और चीन के बीच 125.66 अरब डॉलर का व्यापार है. छापेमारी के बाद मई महीने में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Jhao Lijian) ने कहा था, "चीन सरकार मामले पर करीबी नज़र बनाए हुए हैं. चीन सरकार वैश्विक स्तर पर बिज़नेस करने वाली कंपनियों को हमेशा स्थानीय क़ानून और नियमें के पालन के निर्देश देता है."


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