नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और अन्य मामले में 2.53 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी ने शनिवार को यह जानकारी दी। ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में 338.03 वर्ग मीटर के चार बिना बिके विला और मुन्नार विला विस्टा प्रोजेक्ट की 6.75 एकड़ खाली जमीन शामिल है। ईडी ने 7 जनवरी को इन संपत्तियों के लिए एक प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया था, जिसकी बाद में 30 जून को एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने पुष्टि की थी।
जांच एजेंसी ने कहा कि उसने केरल के एर्नाकुलम में एनआईए मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के समक्ष एनआईए कोच्चि द्वारा दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र के आधार पर एक पीएमएलए जांच शुरू की थी। एफआईआर और आरोप पत्र के अनुसार, पीएफआई/एसडीपीआई (सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने विस्फोटकों और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने की साजिश रची और कन्नूर जिले के नारथ में एक आतंकवादी शिविर का आयोजन किया था। इसके बाद, मामले में पीएमएलए जांच में पीएफआई तथा उससे संबंधित संस्थाओं के सदस्यों के खिलाफ और एफआईआर शामिल की गईं।
ईडी की जांच से पता चला कि पीएफआई नेता और विदेशी संस्थाओं से जुड़े सदस्य पीएफआई की कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने के लिए विदेशों और देश के भीतर एकत्र किए गए धन को वैध बनाने के मकसद से मुन्नार में एक आवासीय परियोजना मुन्नार विला विस्टा प्रोजेक्ट (एमवीवीपी) विकसित कर रहे थे। यह परियोजना मुन्नार विला विस्टा प्राइवेट लिमिटेड (एमवीवीपीएल) नामक कंपनी के माध्यम से विकसित की गई थी।