SIPL के प्रबंध निदेशक को ED ने किया गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
बैंकों के समूह को 402 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सर्वोमैक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SIPL) कंपनी के प्रमोटर और प्रबंध निदेशक अवसारला वेंकटेश्वर राव को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया.
बैंकों के समूह को 402 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सर्वोमैक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SIPL) कंपनी के प्रमोटर और प्रबंध निदेशक अवसारला वेंकटेश्वर राव को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया. राव को प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह मामला सीबीआई (CBI) की ओर से दर्ज की गई एफआईआर (FIR) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज कर शुरू किया था. सीबीआई ने इस मामले में धोखाधड़ी आदि अनेक आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. ईडी की जांच के दौरान पता चला कि एसआईपीएल कंपनी ने बैंकों के एक समूह से लोन लिया था. आरोप है कि लोन लेने के लिए कंपनी ने अपने खाते में हेरफेर किया. साथ ही माल खरीदे बिना ही कई कंपनियों को लेटर ऑफ क्रेडिट जारी कराया था. इसके चलते बैंक को करोड़ों रुपये का चुना लगा.
पैसे को अपने फायदे के लिए कई कंपनियों में डायवर्ट किया
प्रवर्तन निदेशालय को जांच के दौरान यह भी पता चला कि वेंकटेश्वर राव ने लोन के पैसे को अपने फायदे के लिए विभिन्न कंपनियों में डायवर्ट किया. आरोप के मुताबिक, उन्होंने 50 से ज्यादा ऐसी कंपनियों में पैसा डायवर्ट किया, जिससे यह पता ना चल सके कि पैसों का हेरफेर किया गया है. ईडी का कहना है कि इस कंपनी के सर्वेसर्वा मुख्य रूप से वेंकटेश्वर राव ही थे और उन्हें यह अच्छी तरह पता था कि उनकी कंपनी की ओर से बैंकों को धोखा दिया जा रहा है. इस धोखाधड़ी के चलते बैंकों को 402 करोड़ रुपये का लोन एनपीए करना पड़ा.
सेल कंपनी के जरिए अपने धंधे को आगे बढ़ा रहा था
आरोप है कि वेंकटेश्वर राव ने अपनी कंपनी को दिवालिया घोषित करने की भी कोशिश की. आरोप के मुताबिक, एक तरफ तो वेंकटेश्वर राव अपनी कंपनी को दिवालिया घोषित करने का प्रोसेस चला रहा था. वहीं, दूसरी तरफ एक सेल कंपनी के जरिए अपने धंधे को आगे बढ़ा रहा था. प्रवर्तन निदेशालय ने जब इस मामले की जांच शुरू की, तो वेंकटेश्वर राव ने उसकी ओर से पूछे गए सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए. यह भी आरोप है कि वेंकटेश्वर राव ने प्रवर्तन निदेशालय को जांच में सहयोग नहीं किया, जिसके चलते प्रवर्तन निदेशालय ने वेंकटेश्वर राव को गिरफ्तार कर लिया. उसे ईडी की हैदराबाद स्थित विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.