Dungarpur : एक दिन में हो गया संशोधन का आदेश दिव्यांग आवेदक नहीं पहुंच सकता था

डूंगरपुर। अधिकारी यदि संवेदनशील हो, तो सिस्टम खुद-ब-खुद सरल और सहज हो जाता है। ऐसा ही एक वाकया डूंगरपुर उपखण्ड कार्यालय में सामने आया। दोनों पैरों से दिव्यांग आवेदक लगभग सात साल से राजस्व रिकॉर्ड में अपने नाम संशोधन के लिए चक्कर काट रहा था, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन हो नहीं पा रहा था। …

Update: 2024-01-16 02:18 GMT

डूंगरपुर। अधिकारी यदि संवेदनशील हो, तो सिस्टम खुद-ब-खुद सरल और सहज हो जाता है। ऐसा ही एक वाकया डूंगरपुर उपखण्ड कार्यालय में सामने आया। दोनों पैरों से दिव्यांग आवेदक लगभग सात साल से राजस्व रिकॉर्ड में अपने नाम संशोधन के लिए चक्कर काट रहा था, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन हो नहीं पा रहा था। उपखण्ड कार्यालय डूंगरपुर में सोमवार शाम 4 बजे राजस्व रिकार्ड में नाम संशोधन संबंधित आवेदन प्राप्त होने पर उपखण्ड अधिकारी डूंगरपुर नीरज मिश्र ने प्रार्थी को अंदर भेजने के लिए कहा। कर्मचारी ने बताया कि आवेदक दोनों पैरों से दिव्यांग है। इस पर उपखण्ड अधिकारी नीरज मिश्र स्वयं कुर्सी से उठकर बाहर आए और आवेदक से संबंधित प्रकरण की जानकारी ली।

प्रार्थी हरिशंकर उम्र (45) पिता नाथू मनात गांव गरदूना पटवार हल्का शिशोद ने बताया कि मेरे राजस्व रिकॉर्ड में नाम हरिशंकर के स्थान पर सरदारा अंकित होने के कारण मुझे सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। उसने बताया कि वह 2015 से नाम संशोधन के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन संशोधन नहीं हो रहा है। उक्त प्रकरण को समझकर एसडीएम मिश्र ने तत्काल तहसीलदार ईश्वर लाल पण्डवाल, गिरदावर खेमेश्वर जोशी और पटवार हल्का शिशोद के पटवारी जितेन्द्र पाटीदार से बात कर नाम संशोधन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर संशोधन प्रक्रिया पूरी की और संशोधन के आदेश जारी किये। साथ ही उन्होंने संबंधित विकास अधिकारी को कहा कि प्रार्थी को राज्य और केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें।

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