रात्रि कलंक चतुर्थी के चलते 18 को कुछ घंटे का ही होगा हरितालिका तीज पर्व

Update: 2023-09-14 15:16 GMT
सुजानपुर। हरितालिका तीज का व्रत वर्ष भर में भद्रमाह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को रखा जाता है। हरितालिका व्रत को हरितालिका तीज या तीजा भी कहते हैं। इस वार व्रत तथा मोख सोमवार 18 सितंबर दोपहर को ही संपन्न हो जाएंगे, जबकि इससे पूर्व सूर्यास्त के बाद व्रत की समाप्ति पर पूजा-अर्चना तथा उद्यापन किए जाते थे, लेकिन इस वर्ष व्रत के दिन संध्या पर कलंक चतुर्थी शुरू हो जाएगी। शास्त्रों के मुताबिक चंद्र दर्शन देखना अशुभ माना जाता है। व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं माता पार्वती तथा भगवान शिव की मिट्टी की बनी अस्थायी मूर्तियों की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस पर्व का संबंध शिव पार्वती से है। हरितालिका तीज का व्रत इस बार 18 सितंबर सोमवार को है।
इस दिन शिव पार्वती, गणेश की प्रतिमा बनाकर के उद्यापन करने वाली महिलाएं मंडप में तेरह महिलाओं के शृंगार का सामान 108 छोटे-छोटे झंडे, 51 कलश बेलपत्र, सैयादान आदि रखकर शिव पार्वती तथा गणेश जी की कथा सामूहिक रूप में एकत्रित होकर सुनाती हैं। महिलाएं शृंगार करके बिना खाए व पानी पिए निर्जला व्रत को करती हैं। इसमें महिलाएं सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं। सुजानपुर शहर के प्रसिद्ध राजपुरोहित पंडित आशुतोष शर्मा का कहना है कि हालांकि व्रत तथा उद्यापन सूर्य अस्त के उपरांत किया जाता है, लेकिन इस बार 18 सितंबर को व्रत तथा उद्यापन दोपहर 12:40 पर संपन्न कर दिया जाएगा। रात्रि सूर्यास्त पर कलंक चतुर्थी है, जिसे देखना अशुभ माना जाता है।
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