संसाधनों के अभाव में खिलाड़ियों को नहीं मिल पा रही सुविधाएं, दम तोड़ रहीं प्रतिभाएं

Update: 2023-08-30 13:08 GMT
सवाईमाधोपुर। सवाईमाधोपुर शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों से क्रीड़ा शुल्क वसूल किया जाता है। शुल्क की आधी राशि ब्लॉक कार्यालय, आधी राशि जिला कार्यालय में जमा की जाती है। प्राथमिक विद्यालयों के लिए ब्लॉक, जिला स्तर पर तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं होती है। प्रतियोगिताओं के लिए भी आयोजक भामाशाहों जनसहयोग के भरोसे रहते हैं। प्रारंभिक शिक्षा के तहत बास्केटबाल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, हॉकी, साफ्टबाल, फुटबॉल जिम्नास्टिक, क्रिकेट, एथलेटिक्स आदि खेल होते है। इसके अलावा कबड्डी, खो-खो, वॉलीबाल, जुडो, कुश्ती, दौड़, लम्बी व ऊंची कूद गोला फेंक, तश्तरी फेंक,आदि खेलों में विद्यार्थी भाग लेते है, लेकिन बजट के अभाव में खिलाडिय़ों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पाती। संसाधनों के अभाव में खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पाते है। मजबूरन छात्रों या खिलाडिय़ों को स्वयं के खर्चे पर ही खेलों का सामान खरीदना पड़ता है। जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों का भी टोटा बना हुआ है।
वहीं यदि कॉलेज की बात की जाए तो यहां के हालात भी कुछ ठीक नहीं हैं। प्रदेश के कॉलेज में शारीरिक शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। जिले में बैडमिंटन के खेल में भ्री खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। कोरोना की पहली लहर से पूर्व कोटा में हुई बैडमिंटन की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी जिले में ललित बैरवा, मयंक राठी आदि खिलाड़ियों ने क्वालिफाइंग राउण्ड को पार कर मैन मेें जगह बनाई थी। लेकिन जिले के बैडमिंटन खिलाड़ियों की प्रतिभा के आडे फीस का रोड़ा आ रहा है। बजरिया के मानटाउन क्लब में बैडमिंटन की प्रैक्टिस के लिए कोर्ट है। लेकिन यहां अभ्यास करने के लिए खिलाडिय़ों को 11 हजार रुपए फीस जमा करानी होती है। ऐसे में पैसों की कमी के कारण खिलाड़ी मानटाउन क्लब में भी अभ्यास नहीं कर पा रहे है। इसी प्रकार जिला खेल स्टेडियम में भी बैडमिंटन के दो कोर्ट हैं, लेकिन खेल विभाग की ओर से अब तक जिला बैडमिंटन संघ को कोर्ट का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई है।
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