प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ मानसून सीजन के बावजूद प्रतापगढ़ समेत आसपास के इलाकों में पिछले 15 दिनों से ज्यादा समय से बारिश नहीं हुई है। दिन में हल्के बादल जरूर छाए हैं, लेकिन अधिकांश समय तेज धूप निकल रही है। इसकी वजह से तापमान ने भी फिर से रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। इस कारण मौसम में गर्मी के साथ उमस बढ़ गई है। मंगलवार को भी शहर में हल्के बादल छाए रहे, लेकिन ज्यादातर समय तेज धूप निकलने से लोग परेशान होते रहे। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री रहा, जो कि सामान्य औसत तापमान से 6 डिग्री अधिक है। इधर दिन के अलावा अब रात में भी गर्मी के साथ उमस से लोगों को जूझना पड़ रहा है। बीती रात न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढ़ने से रात में गर्मी का असर और ज्यादा बढ़ गया। सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहा, जो कि सामान्य औसत तापमान से 2 डिग्री अधिक है। गोरतलब है प्रतापगढ़ जिले में औसत की 984 एमएम मैसे से 552 ही अब तक बरसात हुई है।
जिले का सबसे बड़ी भराव क्षमता वाला बंद 31 मीटर में से 21 मीटर ही भरा है। बारिश रुकने के बाद बड़ी गर्मी से आमजन बड़े परेशान है। चिपचिपाहट वाली गर्मी लोगों को दिनभर परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रतापगढ़ में आज भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी मिनी सचिवालय पहुंचे। प्रदर्शन के साथ जिला कलेक्टर के सहायक प्रतिनिधि गजेंद्र डागरिया को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया पहले रबी की फसल में खाद और बिजली से जूझना पड़ा। अब बारिश और अघोषित कटौती परेशान कर रही है। जिले में करीब 1 लाख 50 हजार हेक्टेयर पर बुवाई की गई है। जिनमें से करीब 10 से 15 हजार हेक्टेयर पर फसल पानी की कमी से प्रभावित हुई है। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी मिनी सचिवालय पहुंचे और बताया कि बुवाई करने के बाद से ही अल्प वर्षा हो रही है। सूखा पड़ने की वजह से किसानों की फसल लगभग नष्ट हो चुकी है। क्योंकि लगातार एक महीने से बरसात नहीं हुई है। सोयाबीन की फसल में फलियां में दाना बनने की क्रिया खराब हो गई है। फसल नष्ट होने की कगार पर है। जिला कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए सभी ने खराब फसलों की गिरदावर और बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस द्वारा निरीक्षण कर जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की।