स्वामित्व योजना के तहत निवासियों की भूमि को मापने में मदद के लिए ड्रोन का करेगा इस्तेमाल, लद्दाख प्रशासन का बड़ा फैसला
स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) पंचायती राज मंत्रालय की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है.
स्वामित्व योजना (Svamitva Scheme) पंचायती राज मंत्रालय की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है. स्वामित्व योजना का उद्देश्य ड्रोन सर्वेक्षण और कोर नेटवर्क का उपयोग करके भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में बसे हुए निवासियों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है.
लद्दाख प्रशासन (Ladakh Administration) स्वामित्व योजना के तहत 'आबादी देह' (Inhabited Land) को मापने में मदद के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने रविवार को ये बात कही. प्रवक्ता ने बताया कि प्रधान सचिव (राजस्व) पवन कोतवाल ने रविवार को लेह जिले के राजस्व गांवों के आबादी देह को मापने के लिए स्वामित्व योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण की तरफ से आयोजित पहली परीक्षण ड्रोन उड़ान का उद्घाटन किया.
उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण लद्दाख के लिए एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करना है. प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवासी (आबादी) भूमि का सीमांकन ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग, केंद्र शासित लद्दाख के राजस्व विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोगात्मक प्रयासों से ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करके किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संपत्ति के सत्यापन से गांव के घर के मालिक अपने घरों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग कर सकेंगे. प्रवक्ता ने कहा कि ये गांवों में बसे हुए ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करता है और प्रत्येक संपत्ति की जियो-टैगिंग बनाता है. साथ ही कहा कि ये ग्राम पंचायतों की मांग मूल्यांकन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए संपत्ति और संपत्ति रजिस्टरों को अद्यतन करने में भी सहायता करता है ताकि संपत्ति धारकों का कानूनी रिकॉर्ड केंद्र शासित प्रशासन के पास उपलब्ध हो सके.
24 अप्रैल 2021 को लॉन्च हुई थी स्वामित्व योजना
उन्होंने कहा कि अधिकारों के रिकॉर्ड के आधार पर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन घर के मालिकों को संपत्ति कार्ड जारी कर सकता है जो ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं की खरीद के लिए ग्रामीण आवासीय संपत्तियों के मुद्रीकरण को सक्षम करेगा. स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय की केंद्र सरकार की प्रायोजित योजना है, जिसे 9 राज्यों में योजना के पायलट चरण के सफल समापन के बाद 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री की तरफ से इसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया गया था.
स्वामित्व योजना का उद्देश्य ड्रोन सर्वेक्षण और कोर नेटवर्क का उपयोग करके भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में बसे हुए निवासियों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है. जो 5 सेमी तक की मैपिंग सटीकता प्रदान करता है. पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन के लिए एक नोडल मंत्रालय है. राज्यों में राजस्व विभाग/भूमि अभिलेख विभाग नोडल विभाग होगा और राज्य पंचायती राज विभागों के सहयोग से इस योजना को आगे बढ़ाएगा.