Mumbai मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के अपने गुट के अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करके मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद को असली शिवसेना साबित करने में कामयाबी हासिल की है। महायुति गठबंधन में शिंदे गुट की शिवसेना ने जिन 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से लगभग 70% सीटों पर जीत हासिल की। महाविकास आघाडी गठबंधन में उद्धव गुट की शिवसेना ने जिन 95 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से लगभग 24% सीटों पर ही जीत मिली। 2022 में शिवसेना को तोड़कर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार को गिराकर, बीजेपी और एनसीपी के साथ मिलकर एकनाथ शिंदे ने सरकार बनाई थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नाम पर सहमति बनी है।
तब उद्धव गुट ने खुद को असली शिवसेना बताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना था। चुनाव प्रचार के दौरान उद्धव गुट ने शिंदे को पार्टी तोड़ने वाला 'गद्दार' बताया था। इस बार शरद पवार की एनसीपी (एसपी) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सिर्फ 10 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई, जो शरद पवार के लिए व्यक्तिगत रूप से सबसे खराब प्रदर्शन है। इस हार का मुख्य कारण बागी अजित पवार गुट का चुनाव लड़ना रहा। महायुति गठबंधन से चुनाव लड़ते हुए अजित गुट ने 41 सीटों पर जीत हासिल की। 288 सीटों में से 87 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली एनसीपी (एसपी) सिर्फ 10 सीटों पर ही जीत पाई। 6 महीने पहले लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी का स्ट्राइक रेट 80% था, जो अब घटकर सिर्फ 14.94% रह गया है।