Bilaspur. बिलासपुर। बिलासपुर एम्स में किडनी प्रत्यारोपण सेवाओं की शुरुआत हो गई है। रीनल ट्रांसप्लांट के लिए आईसीयू दो करोड़ की लागत से बना है और रीनल ट्रांसप्लांट आईसीयू का निर्माण गुर्दे के उपचार में एक बड़ी कमी को पूरा करेगा। किडनी प्रत्यारोपण उपचार की सुविधा मिलने से रोगियों को इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। ब्लड सैंपल लेकर ड्रोन के जरिए धर्मपुर लैब जाएंगे और एक घंटे की अवधि में सैंपल लैब में पहुंचेंगे, जबकि इससे पहले वाहन के जरिए चार पांच घंटे का समय लग जाता था। इसी तरह जहां भी कोई हादसा होता है, तो तत्काल उस जगह पर टीम पहुंचेगी और ब्लड सैंपल तत्काल ड्रोन के जरिए एम्स भेजे जाएंगे।
मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री ने वर्चुअली 232 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत की सेवाओं का शुभारंभ किया है। कई शिलान्यास भी किए हैं। इस शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम से अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं का लाभ हिमाचल जैसे कठिन भौगोलिक प्रदेश के मरीजों को मिलना शुरू हो जाएगा। एम्स में ब्रोंकोस्कोपी सुइट बनेगा जिस पर साठ लाख रुपए की लागत आएगी। इस सुविधा से फेफड़ों के कैंसर, फंगस संक्रमण और तपेदिक सहित श्वसन रोगों का इलाज किया जा सकेगा। एम्स में क्रिटिकल केयर ब्लॉक और आपातकालीन ट्रॉमा यह बहुमंजिला संरचना तैयार की जा रही है जिसकी अनुमानित लागत 350 करोड़ है। इसमें आधुनिक ट्रॉमा सुविधाएं और एक हेलिपैड होगा, जिससे ट्रॉमा मामलों और चिकित्सा संकटों के लिए त्वरित और कुशल प्रतिक्रियाएं संभव होंगी।