ड्रैगन की घुसपैठ: भूटान की जमीन कब्जा चीन ने भारत के बॉर्डर पर बसा दिए 4 गांव, कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

Update: 2021-11-18 10:52 GMT

भारत और चीन के बीच एलएसी पर सीमा विवाद के बीच चीन के अतिक्रमण से जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने आया है. ओपन सोर्स अकाउंट डेट्रस्फा ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि चीन ने भूटान में चार नए गांव बना लिए हैं. ये गांव डोकलाम के पास है जहां से भारत का 'चिकन नेक' गुजरता है. चीन की तरफ से ये कथित गांव मई 2020 से लेकर नवंबर 2021 में बनाए गए हैं. ये दावा सैटेलाइट इमेज के आधार पर किया गया है और रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने ये गांव डोकलाम के नजदीक भूटान के विवादित इलाके में बनाए हैं. इन तस्वीरों के सामने आने के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है.

डेट्रस्फा ने ट्वीट किया, 'डोकलाम के पास भूटान और चीन के बीच विवादित जमीन पर 2020-2021 के बीच निर्माण नजर आया है. क्या यह नए समझौता का हिस्सा है या चीन के क्षेत्रीय दावों को लागू करने की कोशिश है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये नए गांव डोकलाम पठार के पास स्थित हैं जहां 2017 में भारत और चीन के बीच आमना-सामना हुआ था. चीन ने इसके बाद इस क्षेत्र में सड़क निर्माण गतिविधि को फिर से शुरू भी कर दिया था. चीन द्वारा उठाया गया यह कदम भारत के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि भारत भूटान को विदेश नीति पर सलाह देता रहा है और उसकी सेना को भी प्रशिक्षण देता है. माना जा रहा है कि इससे व्यापक भू-रणनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा.
कांग्रेस का सवाल, चीन के आगे क्यों झुक रही है मोदी सरकार?
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 18 महीनों में मोदी सरकार ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही साथ कैलाश पर्वतमाला में हमारे दबदबे के साथ समझौता किया है. मोदी सरकार ने पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी तट पर फिंगर 4 से फिंगर 3 तक वापस जाकर भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर किया है. चीन ने एलएसी के अंदर भारत के क्षेत्र में देपसांग मैदानों से वाई-जंक्शन तक क्यों कब्जा कर लिया था? चीन ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में वाई-जंक्शन तक एलएसी के अंदर भारत के क्षेत्र पर कब्जा क्यों किया?
कांग्रेस के प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि चीन ने हमारे क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में कैसे प्रवेश किया और एक गांव का निर्माण कर डाला. ये कोई रिहायशी गांव नहीं बल्कि चीन की सैन्य छावनी भी है. पूर्वी सेना कमान के जीओसी इन चीफ ने कहा था कि चीन सक्रिय हो रहा है और चुंबी घाटी में बुनियादी ढांचे, सड़कों और राजमार्गों का निर्माण कर रहा है. चुंबी घाटी सीधे तौर पर सिलीगुड़ी गलियारे यानि चिकन नेक को प्रभावित करती है. ये चिकन नेक हमारे 7 उत्तर पूर्वी राज्यों को शेष भारत से जोड़ती है. इसलिए सिलीगुड़ी कॉरिडोर का रणनीतिक महत्व है.
'चीन के लगातार आक्रमण को लेकर डरे हुए क्यों हैं मोदी'
कांग्रेस ने कहा कि चीन ने डोकलाम के पास भूटान में 100 वर्ग किलोमीटर जमीन पर अवैध अतिक्रमण से 4 नए गांव बसाए हैं जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक झटका है. हम जानना चाहते हैं कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर खामोश क्यों है. मोदी सरकार हमारी क्षेत्रीय अखंडता से समझौता क्यों कर रही है? भारतीय सेना ने हमारे क्षेत्र में अवैध चीनी घुसपैठ का जबरदस्त तरीके से जवाब दिया था. आखिर मोदी सरकार हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान का अपमान क्यों करती है. आखिर मोदी सरकार कब चीन की इस मौखिक, भौगोलिक, सैन्य और रणनीतिक आक्रामकता का जवाब देगी? आखिर हम चीन की इस चौतरफा आक्रामकता को क्यों बर्दाश्त कर रहे हैं और इसके बारे में कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है? हम पीएम मोदी से उम्मीद करते हैं कि वे छिपने के बजाए जनता के सवालों का जवाब देंगे.


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