डाक्टर संस्कृति नेमा, स्वाति के शोध सर्वश्रेष्ठ

Update: 2024-05-07 12:20 GMT
बैजनाथ। राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला की स्नातकोत्तर प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग विभाग की छात्राओं ने सुश्रति-2024 नाम की ‘नीमा संस्था’ द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी में भाग लिया। यह अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस महाराष्ट्र के पुणे शहर में आयोजित की गई। इस कान्फ्रेंस में आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला की डाक्टर अक्षिता शर्मा, डाक्टर संस्कृति नेमा, डाक्टर स्वाति शर्मा, डाक्टर पल्लवी, डाक्टर प्रियंका, डाक्टर निकिता, डाक्टर आकांक्षा ने अपने शोध पत्र पढ़े। इस कान्फ्रेंस में कुल 500 शोध पत्र पढ़े गए। उसमें से डाक्टर संस्कृति नेमा एवं डाक्टर स्वाति शर्मा के शोध पत्रों को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के पुरस्कारों से नवाजा गया। यह कान्फ्रेंस बांझपन की समस्या पर केंद्रित थी।

दोनों शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों में बांझपन के इलाज पर प्रकाश डाला। डाक्टर संस्कृति नेमा एवं डाक्टर स्वाति शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता एवं गुरू प्रोफ़ेसर डाक्टर सोनी कपिल को दिया। प्रोफेसर सोनी कपिल को इस अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में सत्र के अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने बंध्यत्व के इलाज में आयुर्वेदिक पद्धति के योगदान पर चर्चा की एवं राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला में बंध्यत्व पर हो रहे कार्यों को सबके सामने रखा । राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला की छात्राओं ने डाक्टर अक्षिता शर्मा के निर्देशन में सुश्रुति-2024 कान्फेंंस की सांस्कृतिक संध्या में हिमाचल के लोकनृत्य ‘नाटी’ की प्रस्तुति देकर प्रथम पुरस्कार अर्जित कर हिमाचल प्रदेश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। प्रोफेसर सोनी कपिल ने अपनी सभी छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस सुश्रुति-2024 में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बधाई दी एवं उन्होंने डॉक्टर संस्कृति नेमा तथा डॉक्टर स्वाति शर्मा की सफलता पर गर्व व्यक्त किया ।
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