डॉक्टर्स की लापरवाही! जिंदा शख्स को मृत बताकर मोर्चरी में रखवा, बताया ये वजह

यूपी के मुरादाबाद में डॉक्टर्स (Morodabad Doctors) की लापरवाही का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है

Update: 2021-11-19 18:33 GMT

यूपी के मुरादाबाद में डॉक्टर्स (Morodabad Doctors) की लापरवाही का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को प्राइवेट और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स ने मृत घोषित (Injured Declared Dead) कर दिया. जिसके बदा उसे मोर्चरी में रख दिया गया. अलगे दिन सुबह घायल व्यक्ति को मोर्चरी में सांस लेते देखा गया. जैसे ही इस बात की जानकारी डॉक्टर्स को मिली पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. जिसके बाद आनन-फानन में दोबारा उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद उसका इलाज फिर से शुरू किया गया. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे बाद में मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया.

हैरान करने वाली ये घटना संभल के हजरतनगर गढ़ी थाना इलाक के पोटा बराही गांव की है. यहां रहने वाले श्रीकेश गौतम को गुरुवार रात मंडी समिति के बाइक बाइक ने तेज टक्कर मार दी थी. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल (Injured In Accident) हो गए थे. जिसके बदा उन्हें इलाज के लिए दिल्ली रोड पाकबड़ा के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.शुरुआती इलाज के बाद उन्हें मुरादाबाद के ब्राइट स्टार अस्पताल (Moradabad Hospital) में भर्ती कराया गया था. जब वहां भी उनकी हालत नहीं सुधरी तो उन्हें मझोला के साईं अस्पताल और इसके बाद कांठ रोड के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया.
घायल युवक को मृत बताने की लापरवाही
पीड़ित श्रीकेश गौतम के रिश्तेदार ने बताया कि विवेकानंद अस्पताल ने परिवार को बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है. यह बात सुनते ही उनके परिवार वाले बेसुध होगए. सरकारी औपचारिकता पूरे करने के लिए उनका परिवार उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचा. वहां पर इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. मनोज कुमार ने रात को करीह 3.30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया. दोनों अस्पतालों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद श्रीकेश का परिवार पूरी तरह से टूट चुका था. जिसके बाद शव समझकर उनको पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रख दिया गया. वहीं सिविल लाइंस थाने और मझोला पुलिस को भी श्रीकेश की मौत की खबर दे दी गई थी. सुबह एसआई अवधेश कुमार पोस्टमार्टम के लिए पंचनामा भरने मोर्चरी पहुंचे थे.
पोस्टमार्टम से पहले जिंदा होने का खुलासा
श्रीकेश के परिवार की मौजूदगी में जैसे ही अवधेश ने चोट के निशान नोट करने केलिए श्रीकेश की चादर उठाई तो उनके शरीर में उन्हें कुछ हलचल महसूस हुई. जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया. सच का पता चलते ही श्रीकेश के परिवार ने वहां हंगामा खड़ा कर दिया साथ ही अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया. जिसके बाद तुरंत इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ अरुण को मोर्टरी में बुलाया गया. जांच के बाद डॉक्टर से श्रीकेश के जिंदा होने की पुष्टि कर दी. फिर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराकर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया.उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें मेरठ मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. फिलहाल श्रीकेश बेहोश हैं. उनका इलाज चल रहा है.
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