क्या आप जानते है! एक संक्रमित व्यक्ति एक महीने में कितने को कर सकता है बीमार? जानें जवाब

Update: 2021-04-27 05:48 GMT

फाइल फोटो 

नई दिल्ली:- देश में कोरोना लगातार फैलते कोरोना वायरस और स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण लोगों की जानें जा रही हैं। आज कोविड-19 महामारी वैश्विक मानवता के लिए खतरा बन चुका है। हालांकि, टीकाकरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं जिसे लेकर कई तरह के सवाल मन में उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। इस बीच सरकार की ओर से बार-बार स्थिति स्पष्ट की जाती रही है। हम भी विभिन्न साधनों और स्रोतों से जानकारी जुटाकर लोगों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब देने की कोशिश करते रहते हैं। इसी कड़ी में आज कुछ और महत्वपूर्ण सवालों के जवाब यहां दिए जा रहे हैं जो आपके काम के हैं...

30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित करने का आंकड़ा क्या है?
सरकार ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करे तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे। वहीं गतिविधि 75 प्रतिशत तक घटने पर एक व्यक्ति 30 दिनों में औसतन 2.5 लोगों को ही संक्रमित कर सकता है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है, अब समय आ गया है कि लोगों को घरों में भी मास्क पहनना चाहिए।
मास्क थोड़ा-इधर हो जाए तो भी संक्रमण का खतरा है?
सरकार ने गलत तरीके से मास्क पहनने पर भी गंभीर चिंता जताई। उसने कहा कि अगर सही से मास्क नहीं पहनें और उचित शारीरिक दूरी बनाकर नहीं रखें तो एक से दूसरे व्यक्ति को संक्रमण होने का खतरा 90% तक बढ़ जाता है। वहीं, अगर सही से मास्क पहनकर उचित शारीरिक दूरी बनाएं तो कोई व्यक्ति संक्रमित है तो उससे आपको संक्रमण होने का खतरा घटकर 30% रह जाता है।
घर में भी मास्क लगाने को कहा गया, क्या कुछ और निर्देश भी हैं?
नीति आयोग के सदस्य और कोविड मैनेजमेंट के लिए बने एंपावर्ड ग्रुप के चेयरमैन डॉ. वीके पॉल ने कहा कि मौजूदा हालात में घर में भी मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बिना वजह घर से बाहर नहीं निकलें, जितना संभव हो सके घर में ही रहें। घर में भी परिवार के सदस्यों के साथ बहुत करीब होकर बातचीत नहीं करें। किसी को घर में भी नहीं बुलाएं।
माहवारी हो रही है तो वैक्सीन लगवा सकते हैं या नहीं?
सरकार ने इस सवाल पर स्थिति बिल्कुल साफ कर दी है। उसने कहा कि महिलाएं माहवारी के समय टीके की खुराक ले सकती हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कई लोग डर से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
क्या सच में आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट कभी-कभार गलत आ रही है?
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कई बार पॉजिटिव मरीज को भी निगेटिव बता देता है क्योंकि उसकी संवेदनशीलता 100% नहीं होती है। ऐसे हालात में अगर आपमें कोविड के लक्षण हैं तो खुद को पॉजिटिव मानते हुए खुद को सबसे दूर कर लें और बाकी सारे नियमों का भी पालन करें।
ऐंटिसेप्टिक स्प्रे को लेकर नई स्टडी क्या कहती है?
सिंगापुर के नैशनल यूनिर्सिटी हॉस्पिटल (NUH) में की गई एक स्टडी के मुताबिक, मलेरिया और अर्थराइटिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले गले के लिए एंटिसेप्टिक स्प्रे से कोरोना वायरस का फैलाव कम किया जा सकता है। शोधार्थियों ने स्टडी में पाया कि जिन्होंने दिन में तीन पर स्प्रे का इस्तेमाल किया, उनमें 46% लोगों को कोविड हुआ जबकि जिसने हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन ली, उनमें 49% लोगों को और जिन्होंने विटामिन सी लिया, उनमें 70% लोगों को संक्रमण हो गया। यह स्टडी भारत, बांग्लादेश, चीन और म्यांमार के 3,000 से ज्यादा प्रवासियों पर छह सप्ताह तक की गई थी।
Tags:    

Similar News

-->