मिजोरम और असम में जमीन के अतिक्रमण को लेकर फिर उठा विवाद, जाने क्या है पूरा मामला
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के कारण उपजे खूनी संघर्ष में असम पुलिस के पांच जवानों की मौत हो गई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के कारण उपजे खूनी संघर्ष में असम पुलिस के पांच जवानों की मौत हो गई. जबकि एक पुलिस अधीक्षक समेत कई लोग घायल हैं. इस हिंसा को लेकर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना. मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द ठीक हो जाएंगे. लोगों के जीवन में नफरत और अविश्वास बोकर एचएम ने एक बार फिर देश को विफल कर दिया है. भारत अब इसके भयानक परिणाम भुगत रहा है.'
अब तक असम पुलिस के 5 जवानों की मौत
दावा किया गया है कि जब एसपी कोलासिब असम के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे, तब भी मिजोरम पुलिस ने असम के अधिकारियों और नागरिकों पर एलएमजी से गोलियां चलाईं. 5 असम पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि हुई (प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार 6, जिसकी पुष्टि की जा रही है) और एसपी कछार वैभव निंबालकर सहित 50 से अधिक घायल हैं. एसपी कछार वैभव निंबालकर के पैर में गोली लगी है और वो आईसीयू में हैं. असम सरकार पड़ोसी संबंधों को बहाल करते हुए सौहार्दपूर्ण संबंध और शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. मिजोरम से अनुरोध है कि वो अपने लोगों और पुलिसकर्मियों को हिंसा में शामिल होने से रोकें और शांति बहाल करने की दिशा में काम करें.
क्या है पूरा मामला
मिजोरम के तीन जिले आईजोल, कोलासिब और मामित असम के कछार और हैलाकांडी जिलों से अंतर-राज्यीय सीमा शेयर करते हैं. यह क्षेत्र विवादित माना जाता है जहां से समय-समय पर झड़पों की खबर सामने आती रहती है. हालांकि ये तनाव पिछले कुछ दिनों से बढ़ता नजर आ रहा है. वजह है असम पुलिस का अभियान जो उपद्रवियों की तरफ से कथित रूप से अतिक्रमण की गई भूमि को खाली कराने के लिए चलाया जा रहा है.
10 जुलाई को सीमा का दौरा करने वाले असम सरकार के एक दल पर संदिग्ध बदमाशों द्वारा एक आईईडी फेंका गया था, जबकि 11 जुलाई तड़के सीमा पार से एक के बाद एक दो विस्फोटों की आवाज सुनी गई थी. इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले नयी दिल्ली में मुख्य सचिवों और डीजीपी समेत दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी.