नई दिल्ली: गौरव गोगोई ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए. मोदीजी को मणिपुर पर कुछ बोलने के लिए 80 दिन क्यों लग गए. पीएम मोदी की तरफ से संवेदना का कोई शब्द या शांति की अपील क्यों नहीं की गई. मंत्री बोलें, कोई नहीं रोक रहा, लेकिन पीएम मोदी के शब्दों में जो वजन है, वह किसी मंत्री में नहीं है. हमारा तीसरा सवाल है कि पीएम ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया. गुजरात में चुनाव से पहले दो बार मुख्यमंत्री बदल दिए, उत्तराखंड, त्रिपुरा में भी मुख्यमंत्री बदल दिए. लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री को विशेष आशीर्वाद क्यों?
चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा,'यह अविश्वास प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लेकर आए हैं. मणिपुर का युवा इंसाफ मांगता है. मणीपुर की बेटी इंसाफ मांगती है. मणिपुर का किसान इंसाफ मांगता है. अगर मणिपुर प्रभावित हुआ है तो भारत प्रभावित हुआ है. हम सिर्फ मणिपुर की बात नहीं कर रहे हैं. बल्कि भारत की बात कर रहे हैं. हमारी अपेक्षा थी कि एक संदेश जाए कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश मणिपुर के साथ है, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री महोदय ने एक मौनव्रत लिया. ना लोकसभा में कुछ बोलेंगे ना राज्यसभा में कुछ बोलेंगे. इसलिए यह नौबत आन पड़ी है कि हम अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा प्रधानमंत्री मोदीजी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं.
राहुल गांधी की जगह जब गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की तो भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बीजेपी सांसद पूछने लगे की जब राहुल गांधी इस पर चर्चा करने के लिए आने वाले थे तो अब अचानक बदलाव कर गौरव गोगोई को आगे क्यों किया जा रहा है.