भेदभाव का मामला: स्कूल में रसोइयों ने बच्चों के बर्तन धोने से किया मना, डीएम ने किया बर्खास्त
भेदभाव का मामला
यूपी के मैनपुरी के दौदापुर गांव के एक स्कूल में भेदभाव का मामला सामने आया है. स्कूल के रसोइयों ने बच्चों के बर्तन धोने से मना कर दिया. इसके बाद यह काम खुद बच्चों को ही करना पड़ रहा. अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के बच्चों के बर्तन भी इस स्कूल में अलग रखे जाते हैं. मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी मैनपुरी महेंद्र बहादुर सिंह ने गंभीरता से कार्रवाई की और दो रसोइयों को बर्खास्त कर दिया व कार्य में शिथिलता बरतने के कारण प्रधानाध्यापिका के ऊपर भी कार्रवाई की गई है. उन्हें विद्यालय से हटा दिया गया. जानिए क्या है पूरा मामला
विकासखंड बेवर के ग्राम पंचायत दौदापुर का प्राथमिक विद्यालय इस समय विवादों में है. स्कूल में गरिमा राजपूत प्रधानाचार्य के पद पर तैनात थीं. यहीं का एक मामला सामने आया है. अनुसूचित जाति के बच्चे व पिछड़ी जाति के बच्चों के बर्तन अलग-अलग रखे जाते हैं और बच्चों पर ही बर्तन धुलवाये भी जाते हैं.
इस बात की जानकारी जब ग्राम प्रधान मंजू देवी को मिली तो मंजू देवी ने स्कूल का निरीक्षण किया तो उन्हें यह सब देखने को मिला. प्रधान मंजू ने प्रधानाचार्य से कहा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद भी मामले पर ध्यान नहीं दिया गया.
प्रधान प्रतिनिधि साहब सिंह ने जब इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बर्तन बच्चे साफ करें या उनके साथ भेदभाव किया जाए. स्कूल में रसोइया लक्ष्मी देवी व सोमवती से अधिकारियों ने बात कर मामले की पूरी जांच की तो दोनों ने उनके सामने ही किसी भी बच्चे के बर्तन साफ करने से मना कर दिया. दोनों महिलाओं ने बच्चों के बर्तन धुलने से मना करते हुए लिखित में भी दिया.
मामले की जांच करने गए मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने बताया, ''मेरे संज्ञान में बीएसए द्वारा एक विवाद का मामला सामने लाया गया है. उसमें रसोई कर्मचारी लक्ष्मी देवी व सोमवती ने सरकार की मंशा के अनुरूप काम नहीं किया और बच्चों के बर्तन धोने के काम को मना कर दिया है, इसलिए दोनों रसोइयों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके अलावा प्रधान अध्यापक गरिमा राजपूत को कार्य में शिथिलता बरतने के कारण उनके ऊपर भी कार्रवाई की गई है.''