डिजिटल अरेस्ट: छात्र को बनाया निशाना, 2 लाख ऐंठे

चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट.

Update: 2024-12-27 05:16 GMT
लखनऊ: बीते दिनों देश में साइबर क्राइम के मामले जिस तेजी से बढ़े उतनी ही तेजी से 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी चीज भी सामने आई है. ये एक प्रकार से किसी को मेंटली कंट्रोल करने जैसा होता है और एक फोन कॉल से इसके जाल में फंस चुके लोग इसे भयानक बताते हैं और लाखों रुपये भी गंवा देते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आया है.
यहां साइबर ठगों द्वारा एक छात्र को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने एक छात्र को मनी लॉन्ड्रिंग में दोषी बताकर उसे न सिर्फ चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा बल्कि उससे दो लाख रुपये भी वसूल लिए.
पीड़ित छात्र अलीगंज के त्रिवेणी नगर-3 का निवासी है. ठगों ने छात्र को फोन कर खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और मुंबई सीबीआई अधिकारी बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है और उसे तुरंत पैसे जमा कराने होंगे.
ठगों ने छात्र को डिजिटल अरेस्ट में रखने की धमकी दी और उससे केस खत्म के नाम पर दो लाख रुपये भी ट्रांसफर करवा लिए. छात्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने छात्र को साइबर ठगों से सावधान रहने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि इस साल डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक महिला को साइबर अपराधियों ने 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 2.9 लाख रुपये की ठगी कर ली थी.
अतिरिक्त एसपी कालू सिंह ने बताया कि सोनभद्र की रहने वाली सृष्टि मिश्रा ने 18 अक्टूबर को पुलिस को सूचित किया कि उन्हें 9 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था. उन्हें कीपैड पर 9 दबाने के लिए कहा गया, जिसके बाद उनका कॉल ट्रांसफर हो गया. फिर उन्हें बताया गया कि उनके फोन नंबर का उपयोग करके 38 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. फिर कॉल करने वाले ने उन्हें बताया कि ठगी गई राशि का 10 प्रतिशत उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है. महिला को बताया गया कि जांच जारी रहने तक वह 'डिजिटल अरेस्ट' में है. इसी दौरान उनसे ढाई लाख रुपये लूट लिए गए.
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