धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मिली Y कैटेगरी की सुरक्षा

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Update: 2023-05-24 13:46 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आज तक

नई दिल्ली। बाघेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को Y कैटेगरी की सुरक्षा मिली है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव का गरीब बच्चा 27 साल की उम्र में पूरे देश में मशहूर हो गया। जिसके घर में दो जूम की रोटी के लिए लाले थे, वह हिंदू राष्ट्र बना रहा है। राजनेताओं से लेकर बड़े-बड़े सेलेब्रिटी तक उसके भक्तों में शामिल हैं। यह सुनने में भले कोई चमत्कार लगता हो, लेकिन सच्चाई है।
यह बागेश्वर धाम के सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सच्ची कहानी है। अब उनके जीवन के संघर्षों पर आधारित एक फिल्म बन रही है। द बागेश्वर सरकार नाम की इस फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी हैं। फिल्म अगले साल पूरी दुनिया में रिलीज होगी। यह फिल्म धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के संघर्षों पर आधारित है। एक गरीब परिवार का बच्चा कैसे पूरी दुनिया के लिए गुरुदेव बन गया, फिल्म में इसे दिखाया जाएगा। खास बात यह कि फिल्म की स्क्रिप्ट से लेकर कास्ट और रिलीज की तारीख तक, सब कुछ खुद धीरेंद्र शास्त्री ही तय करेंगे। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग छतरपुर और भोपाल में होगी। इसके कुछ हिस्से लंदन में भी शूट किए जाएंगे। धीरेंद्र शास्त्री के कहने पर फिल्म पर काम शुरू हो चुका है। शूटिंग की शुरुआत भी उनका निर्देश मिलने के बाद ही होगी। फिल्म में बागेश्वर सरकार खुद नहीं दिखेंगे, लेकिन उनके जीवन के तमाम पहलुओं को इसमें दिखाया जाएगा।
फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी इससे पहले तीन फिल्में बना चुके हैं। उनका कहना है कि यह फिल्म उन लोगों के लिए होगी जो अपने धर्म के प्रति समर्पित हैं। वे फिल्म को लेकर संभावित विवाद के लिए चिंतित नहीं हैं। उनका कहना है कि यदि कोई धर्म के बारे में जानकारी दे रहा है तो इसमें गलत क्या है। वे इसे प्रोपगेंडा भी नहीं मानत। तिवारी कहते हैं कि अगर धर्म और धार्मिक ग्रंथों ककी बात ककरना प्रोपगेंडा है तो इसमें कोई हर्ज नहीं है।
गुजरात हाईकोर्ट ने बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के आगामी कार्यक्रमों के दौरान सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने वाली कोई गतिविधि न हो यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर आज बुधवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. शास्त्री मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी हैं. न्यायमूर्ति एस वी पिंटो ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जैसा कि याचिकाकर्ता ने इस आधार पर अनुरोध किया था कि स्वयंभू संत के ‘दिव्य दरबार’ कार्यक्रम 26 मई से शुरू होने वाले थे.
याचिकाकर्ता अधिवक्ता केआर कोष्टी ने अदालत को बताया कि शास्त्री का दिव्य दरबार गुजरात के चार शहरों – सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट में 26 मई से 7 जून के बीच निर्धारित है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि अधिकारियों को प्रस्तावित कार्यक्रमों में वक्ताओं को भड़काऊ और डराने वाली भाषा का उपयोग करने से रोकने के लिए निर्देशित किया जाए जो “घृणास्पद भाषणों के माध्यम से सांप्रदायिक विद्वेष” को उकसा सकता है. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राज्य सरकार ने तहसीन पूनावाला मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को लागू नहीं किया है, जिसमें इसके लिए रोकथाम और उपचारात्मक उपाय निर्धारित किए गए हैं.याचिकाकर्ता ने कहा कि शास्त्री पर राजस्थान के उदयपुर में कथित अभद्र भाषा के मामले में मामला दर्ज किया गया है और इसी तरह की मांग मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में उनके कार्यक्रमों के बाद की गई थी. इस संबंध में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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