Dharmashaala. धर्मशाला। धर्मशाला कालेज देश के सबसे पुराने चुनिंदा कॉलेज की लिस्ट में शुमार है। अंग्रेजों के समय में बने डिग्री कालेज धर्मशाला के 98 वर्षों के इतिहास में सबसे पुराना कालेज है, जिसका निर्माण वर्ष 1926 में हुआ था। लेकिन आज के समय में कालेज में छात्रों को कीचड़ से गुजरकर पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पीजी कालेज परिसर बारिश के चलते कीचड़ में तब्दील हो चुका है। जिसके चलते वाहनों के पहियों से गहरे गड्ढ़े हो चुके हैं। डिग्री कालेज के बाहर करीब एक माह से अधिक समय से खोदी नालियां कई हादसों को न्योता दे रही हैं। रोजाना सैकड़ों की तादाद में बच्चे पढऩे आते हैं। इस वजह से वहां गहरी नालियों की खुदाई के कारण खतरा बढ़ गया है। लंबे समय से खोदी नालियां को मिटटी से भर दिया गया है, जोकि अब दलदल में तबदील हो गई हैं। हैरत की बात यह है।
कॉलेज प्रशासन और स्मार्ट सिटी प्रबंधन की ओर से कई समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका खामियाजा विद्यार्थियों और वाहन चालकों को झेलना पड़ सकता है। जो किसी भी समय बड़े हादसे को न्योता दे सकता है। स्टाफ के साथ ही छात्रों का निकलना मुश्किल हो रहा है, जिसकी बजह से वाहनों के पहियों से गहरे गड्ढे हो चुके हैं। ऐसे में कॉलेज के स्टाफ के साथ ही छात्रों का निकलना मुश्किल हो रहा है, जिन्हें कीचड़ से होकर ही गुजरना पड़ता है। कीचड़ के साथ पानी भी जमा हो रहा है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं। इससे बीमारी पनपने की आशंका भी बन रही है। इन दिनों कालेज में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के साथ छात्रों को अन्य काम से आना पड़ रहा है। बीबीए और बीसीए सहित कुछ क्लासें भी चल रही हैं। छात्रों का निकलना मुश्किल है। देश-प्रदेश में स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर और शहर-शहर में शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। दूसरी ओर अंग्रेजों के जमान के सबसे बड़े महाविद्यालय के अधिकतर शौचालय की खस्ता हालत है।