धर्मशाला। हिंदुस्तान में सभी धर्मां के लोग रहते हैं लेकिन इस देश में सबसे बड़ा धर्म क्रिकेट है। भारत को वर्ष 2011 में वनडे वर्ल्ड कप मैचों की मेजबानी का अवसर मिला था और अब 12 वर्ष बाद फिर से भारत इस आयोजन का मेजबान बना है। यह देश के लिए किसी कुंभ मेले से कम नहीं है और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री तथा पूर्व में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे अनुराग ठाकुर की ही मेहनत है जोकि इस कुंभ के 5 मैचों की मेजबानी का अवसर धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम को मिला है। आईसीसी वनडे वल्र्ड कप के धर्मशाला में खेले जाने वाले 5 मुकाबलों के जरिए पूरे विश्व को हिमाचल में बैस्ट दिखाएंगे। हिमाचल में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप के मुकाबले सबसे सफल और अच्छे मैच के रूप में जाने जाएंगे। यह बात बुधवार शाम को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप ट्रॉफी के अनावरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने कही।
अरुण धूमल ने उनके बड़े भाई अनुराग ठाकुर के हार्डवर्क से धर्मशाला में विश्व का सबसे खूबसूरत स्टेडियम बना है। वर्ष 2002 में धर्मशाला स्टेडियम की नींव रखी गई थी और वर्ष 2005 में इसी मैदान में पाकिस्तान का मैच हुआ था। उन्होंने कहा कि जब धर्मशाला में स्टेडियम का शिलान्यास हुआ था, उस समय यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें थीं। उस समय के एचपीसीए पदाधिकारी भी यही सोचते थे कि यहां स्टेडियम बन पाएगा और उन्हें भी खुद विश्वास नहीं था कि यहां स्टेडियम बन पाएगा लेकिन अनुराग के हार्डवर्क से यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस स्टेडियम में पहले भी अंतर्राष्ट्रीय मैच हो चुके हैं लेकिन अब आईसीसी मैन वनडे वर्ल्ड कप मैचों का आयोजन एक बड़ी उपलब्धि है। इस आयोजन में विश्व की 7 बेहतरीन टीमें धर्मशाला स्टेडियम में मैच खेलेंगी। उन्होंने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों से आह्वान किया कि वे सभी को वर्ल्ड कप के धर्मशाला में खेले जाने वाले मैचों को देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
बुधवार सुबह करीब 9 बजे वर्ल्ड कप ट्रॉफी को कांगड़ा हवाई अड्डे पर लाया गया। एयरपोर्ट पर ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के बीच ट्रॉफी का स्वागत किया गया। इसके बाद ट्रॉफी को सुबह 9 बजे कांगड़ा एयरपोर्ट से ओपन वैन द्वारा कड़े सुरक्षा पहरे में बैंडबाजों के साथ धर्मशाला लाया गया। कांगड़ा एयरपोर्ट से गग्गल चौक तक सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। गग्गल के बाद धर्मशाला के शहीद स्मारक में बलिदानियों के सम्मान में ट्रॉफी को स्मारक में लाया गया। ट्रॉफी को कुछ समय के लिए यहां रखा गया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कोतवाली बाजार चौक, मैक्लोडगंज चौक, दलाईलामा बौद्ध मठ और धर्मशाला के चाय बागानों में भी ट्रॉफी को कुछ समय के लिए रखा गया जहां क्रिकेट प्रेमियों ने इसके साथ सैल्फी ली। इसके अलावा दोपहर बाद इंद्रूनाग पैराग्लाइडिंग साइट से धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में तिरंगा और एचपीसीए का फ्लैग भी लाया गया।