प्रयागराज में बसंत पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने संगम तट पर लगाई डुबकी

Update: 2022-02-05 04:02 GMT

उत्तर प्रदेश। प्रयागराज में बसंत पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई। एसपी माघ मेला ने बताया, "अब तक लगभग 2,00,000 श्रद्धालुओं ने स्नान किया है। प्रशासन अलर्ट है, घाटों की सफाई, फ्लड कंपनी के जवान और महिला पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं।"

आज बसंत पंचमी - भारत में बसंत पंचमी के त्योहार को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे वसंत पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी का त्योहार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल बसंत पंचमी का त्योहार आज यानी 5 फरवरी 2022 को मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी (Basant Panchami 2022) होली की तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है. बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है. बसंत पंचमी का यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ मंदिरों में भी देवी सरस्वती की पूजा की जाती है.

बसंत पंचमी का पौराणिक महत्त्व रामायण काल से जुड़ा हुआ है. जब मां सीता को रावण हर कर लंका ले गया तो भगवान श्री राम उन्हें खोजते हुए जिन स्थानों पर गए थे, उनमें दंडकारण्य भी था. यहीं शबरी नामक भीलनी रहती थी. जब राम उसकी कुटिया में पधारे, तो वह सुध बुध खो बैठी और प्रेम वश चख चखकर मीठे बेर राम जी को खिलाने लगी. कहते हैं कि गुजरात के डांग जिले में वह स्थान आज भी है, जहां शबरी मां का आश्रम था. बसंत पंचमी के दिन ही प्रभु रामचंद्र वहां पधारे थे. इसलिए बसन्त पंचमी का महत्व बढ़ गया.


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