बैंक का डिप्टी मैनेजर गिरफ्तार, टारगेट पूरा करने खोले फर्जी खाते
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नई दिल्ली: दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर पुलिस ने एक प्राइवेट बैंक के डिप्टी मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी मुंबई से की गई. इल्जाम है कि आरोपी डिप्टी मैनेजर ने अपने टारगेट को पूरा करने के लिए जालसाजों के फर्जी बैंक खाते खोले थे.
आरोपी बैंक कर्मचारी की इस करतूत का खुलासा होने के बाद गुरुग्राम पुलिस के साइबर सेल की टीम मुंबई पहुंची और आरोपी डिप्टी मैनेजर को वहां से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक, उस बैंक में लगभग पांच ऐसे फर्जी खाते खोले गए, जिनमें साइबर जालसाजों ने लाखों रुपये जमा किए.
पुलिस के हवाले से पता चला है कि एक निजी बैंक की मुंबई शाखा के उप प्रबंधक यूसुफ को गिरफ्तार किया गया है. साइबर जालसाजों ने आरोपी डिप्टी मैनेजर के जरिए खोले गए बैंक खाते में धोखाधड़ी से 19 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए थे.
एसीपी (साइबर क्राइम) प्रियांशु दीवान ने इस मामले में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि अब तक आरोपी ने साइबर ठगों को करीब पांच बैंक खाते उपलब्ध कराए हैं. इसी मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वे पहले ही साइबर ठगों से जुड़े 12 बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुके हैं.
ACP दीवान ने आगे बताया कि वे आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं. उनके मुताबिक, 10 नवंबर 2022 को फर्जी वेबसाइट के जरिए क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में निवेश कर करीब 45 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी.
इस मामले पर गुरुग्राम साइबर अपराध (पूर्व) पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. इंस्पेक्टर सवित कुमार के नेतृत्व में साइबर पुलिस की एक टीम मामले की जांच करते हुए सोमवार को इस सिलसिले में मुंबई पहुंची और वहां अंधेरी में रहने वाले एक बैंक के डिप्टी मैनेजर यूसुफ को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी से पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी ने अपने टारगेट को हासिल करने के लिए एक फर्जी बैंक खाता खोला था और इसे जालसाजों को उपलब्ध कराया था. ऐसे ही पांच बैंक खाते जांच में सामने आए हैं.