फरमान आया, मदरसा ने छात्रों से दाढ़ी नहीं कटवाने को कहा
आदेश 4 छात्रों को निष्कासित किए जाने के बाद आया है।
सहारनपुर (उप्र) (आईएएनएस)| इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद एक बार फिर चर्चा में है। मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने अपने छात्रों को दाढ़ी न कटवाने का आदेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन अहमद ने सोमवार को एक आदेश में कहा कि संस्थान (मदरसे) में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स दाढ़ी नहीं कटवाएंगे।
आदेश में कहा गया है, 'अगर वह दाड़ी कटवाते हैं तो उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा। इसके अलावा दाढ़ी कटवाकर संस्थान में आने वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।'
यह आदेश 6 फरवरी को दाढ़ी कटवाने के आरोप में चार छात्रों को निष्कासित किए जाने के बाद आया है। दारुल उलूम देवबंद ने तीन साल पहले एक फतवा जारी किया था कि दाढ़ी कटवाना इस्लाम में हराम (अस्वीकार्य) है।
वरिष्ठ मौलाना और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, रसूल अल्लाह मुहम्मद दाढ़ी रखते थे, इसलिए दाढ़ी रखना इस्लाम में 'सुन्नत' है। यदि कोई व्यक्ति एक बार दाढ़ी रखता है और बाद में उसे कटवा देते है तो वह व्यक्ति दोषी माना जाएगा। इस्लाम में दाढ़ी का एक अलग ही महत्व है।