डेंटिस्ट का अवैध संबंध, प्रेमिका का क्लिनिक में किया मर्डर, लाश के साथ कुत्ते को भी दफनाया, ताकि...
सनसनीखेज मामला सामने आया है.
मध्य प्रदेश के सतना से सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां एक डेंटिस्ट ने अपने अवैध संबंधों को छिपाने के मकसद से अपनी ही प्रेमिका की हत्या कर दी. ये युवती इस डेंटल सर्जन के यहां बतौर सर्जन काम करती थी और पुलिस के अनुसार दोनों के बीच प्रेम संबंथ थे. हत्या के बाद युवती के शव को डेंटिस्ट ने अपनी क्लीनिक के बगल में खाली जमीन पर मजदूरों से गड्ढा खुदवाकर दफना दिया.
मृतक असिस्टेंट की मां ने 1 फरवरी को अपनी 23 वर्षीय बेटी भानू केवट की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पूछताछ के दौरान आरोपी डेंटिस्ट कई दिनों तक पुलिस को चकमा देता रहा मगर आखिरकार पुलिस की सख्ती के आगे टूट गया और अपने जुर्म को कुबूल कर लिया. उसका कहना है कि युवती डॉक्टर पर शादी का दबाव बना रही थी इससे छुटकारा पाने के लिए उसने असिस्टेंट की हत्या कर दी.
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर ने युवती को पहले अपने प्रेमजाल में फांसा और जब उसने शादी का दवाब डालना शुरू किया तो डॉक्टर ने उसकी हत्या करके अपने क्लिनिक के बगल में खाली जमीन पर गड्ढा करवाकर दफना दिया. पुलिस का कहना है कि डॉक्टर इतना शातिर निकला कि उसने गड्ढे में एक मरे कुत्ते को भी डाल दिया ताकि लोगों को दुर्गंध महसूस हो तो वो शक न कर सकें. पुलिस ने लापता भानू केवट की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के आरोप में डेंटल सर्जन डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस का कहना है कि आरोपी मोबाइल के सीडीआर से पुलिस की पकड़ में आया. पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. एक निजी महाविद्यालय में एलएलबी की छात्रा भानू डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी के धवारी स्थित क्लिनिक में 2 साल से बतौर अटेंडेंट काम करती थी. इसी बीच दोनों करीब आए और दोनों के बीच प्रेम हो गया.
आरोप है कि शादी का दबाव बनाने से नाराज डेंटल सर्जन ने पिछले साल 14 दिसंबर को शाम 7 बजे क्लिनिक में ही भानू का गला घोंटकर हत्या कर दी और 15 दिसंबर की रात शव को क्लीनिक के पास एक सूनी गली में दफना दिया.
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने भानू का शव भी बरामद कर लिया है. डेंटल सर्जन आशुतोष त्रिपाठी मूलत: सिंहपुर थाना के अंतर्गत शिवराजपुर का रहने वाला है. यहां धवारी में उसका डेंटल क्लिनिक है. जबकि मृतका भानू मल्लाहन टोला की रहने वाली थी. भानू की मां की ओर से एक फरवरी को बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी. नगर पुलिस अधीक्षक वीपी सिंह ने बताया कि भानू डॉक्टर के यहां काम करती थी.
14 दिसम्बर से वह अपने घर नहीं गई थी. उसके घर वाले आते थे और डॉक्टर से पूछते थे तो वो उनको बहानेबाजी करके बता देता था कि वह दूसरी जगह काम करने लगी है और 2-3 दिन में आ जाएगी. जब लड़की के परिवारवाले आकर पूछते थे कि हमको मिलवा दो तो वह किसी न किसी बहाने टरका देता था. 1 फरवरी को परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने जांच के दौरान डॉक्टर से पूछताछ की. शुरुआत में तो वह इनकार करता रहा लेकिन काफी पूछताछ के बाद जुर्म कुबूल कर लिया. पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी की निशानदेही पर शव बरामद कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 और हत्या कर साक्ष्य मिटाने पर आईपीसी की धारा 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.