हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिले में डेंगू का कहर शुरू हो चुका है। गत दो दिन में 41 जनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें अधिकांश टिब्बी के सुदानपुरा के निवासी हैं। इसके अलावा एक रोगी हरियाणा व तीन रोगी शहरी क्षेत्र के हैं। हालात यह है कि प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के रोगियों की भरमार है। इन अस्पतालों में रेपिड कार्ड टेस्ट करने की सुविधा है। जबकि सरकारी तंत्र डेंगू का रोगी उसी मानता जिसकी एलाइजा की रिपोर्ट पॉजिटिव है। एलाइजा की जांच सुविधा प्राइवेट अस्पताल व लैब में नहीं है। यह सुविधा जिला अस्पताल की लैबोरेटरी में है। जिला अस्पताल लैब में गत दो दिन में 58 जनों की डेंगू की जांच की गई। जिसमें 41 जनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हैरत की बात है कि अधिकांश रोगी एक ही गांव के हैं। जानकारी के अनुसार डेंगू बुखार तीन तरह का होता है। पहला साधारण डेंगू बुखार, दूसरा डेंगू हैमरेजिक बुखार (डीएचएफ), डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस)। इन तीनों में से दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान जाने का खतरा नहीं होता लेकिन अगर किसी को डीएचएफ या डीएसएस है और उसका फौरन इलाज लेना चाहिए।
डेंगू के लक्षण
साधारण डेंगू बुखार में ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ता है। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना। बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है और मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार होता है। डेंगू हैमरेजिक बुखार होने पर नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उलटी में खून आना. स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाते हैं। डेंगू शॉक सिंड्रोम होने पर मरीज बहुत बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद उसकी स्किन ठंडी महसूस होती है। मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है।
गली व मोहल्लों में करवाएं फोगिंग
घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढ़ों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करवाएं और स्थानीय पार्षद व सरपंच को कहकर इलाके में फोगिंग करवाएं और एमएलओ दवा का छिड़काव भी करवाएं। अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें। रूम कूलर, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें। मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का इस्तेमाल करें।