प्रेसवार्ता कर प्राईवेट स्कूलों की समस्याओं के समाधान की उठाई मांग

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Update: 2023-10-04 15:21 GMT
रीवा। प्राइवेट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ब्लॉक तेंवथर के अध्यक्ष समरजीत सिंह ने प्रेस वार्ता कर निम्नलिखित समस्याओं का निराकरण की मांग उठाई।प्राईवेट स्कूल संचालन में निम्न समस्यायें प्रतिवर्ष आ रही है।प्राईवेट स्कूलों को प्रतिवर्ष मान्यता लेना पड़ता है।अतः कक्षा पहली से बारहवी तक स्थायी मान्यता प्रदान करें तथा कक्षा पहली से आठवी की मान्यता में एफ.डी.आर की अनिवार्यता समाप्त की जाये ,क्योंकि इसे पूर्व में भी समाप्त कर दी गई थी. जिसे पूर्ववत् की भांति किया जाये। प्राईवेट स्कूलों को मान्यता के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्य कर दिया गया है, जो कि पूर्व में नहीं था। अतः इसे पूर्ववत् किया जाये।प्राईवेट स्कूलों में प्रतिवर्ष मान्यता एवं संबद्धता शुल्क ली जाती है. जबकि पूर्व में केवल संबद्धता शुल्क ही ली जाती थी। अतः मान्यता शुल्क समाप्त किया जाये।
अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा के अन्तर्गत संस्थाओं को अन्य राज्यों की अपेक्षा कम फीस प्रतिपूर्ति की जाती है। अन्य राज्यों के बराबर एवं सत्र समाप्ति तक भुगतान करना अनिवार्य किया जाये।अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों को भी शासकीय योजनायें जैसे ई-स्कूटी एवं मेडिकल तथा जे.ई.ई. का लाभ दिया जाये।प्राईवेट स्कूल में कार्यरत् शिक्षक/शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों एवं उनके परिवार को शासन द्वारा निःशुल्क 10-10 लाख का आयुष्मान बीमा से लाभान्वित किया जाये।यदि उपरोक्त समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं किया गया तो म.प्र. के लगभग 47890 प्रायवेट स्कूल एवं 887900 शिक्षक/शिक्षिका / कर्मचारी तथा विद्यालय में पढ़ने वाले करोड़ों विद्यार्थी प्रभावित होंगे। इस अवसर पर सचिव संजीव कुमार पयासी, शिवेंद्र शिवाकांत पांडे राजीव दुबे सुरेश प्रसाद वर्मा शिवेंद्र शुक्ला श्याम बहादुर सिंह सौरभ सिंह दिनेश सिंह आदि स्कूल संचालक उपस्थित रहे।
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