दिल्ली। कृष्ण जन्माष्टमी और जी-20 के चलते गाजीपुर फूल बाजार में फूलों की बिक्री बढ़ गई है। एक फूल विक्रेता ने बताया, "सभी फूलों की मांग बढ़ गई है। किसानों में भी इससे अच्छा फायदा हो रहा है। जी-20 के लिए काफी फूल जा रहे हैं। जन्माष्टमी के लिए भी लोग फूल खरीद रहे हैं।"
जन्माष्टमी
लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। वैष्णव जन सात सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे जबकि अधिकतर सामान्य गृहस्थ जनों ने छह सितंबर को ही जन्माष्टमी मनाई। जन्माष्टमी के दिन भक्तजन व्रत रखते हैं और रात में भगवान के जन्म के समय से पहले गीत-संगीत एवं उनकी आराधना में डूबे रहते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि लगातार दो दिन पड़ रही है। अष्टमी तिथि छह सितंबर को दोपहर 3:37 बजे शुरू हुई और सात सितंबर को शाम 4:14 बजे समाप्त होगी। अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के इस अद्वितीय संरेखण की वजह से दोनों दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। छह सितंबर को प्रात: 9 बजकर 20 मिनट से रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो गया है। चंद्रमा वृष राशि में विराजमान हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस वर्ष सभी तत्वों का दुर्लभ योग मिल रहा है अर्थात 6 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अद्र्धरात्रिव्यापिनी, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृषस्थ चंद्रमा का दुर्लभ एंव पुण्यदायक योग बना था। छह सितंबर को 12 वर्षों बाद दुर्लभ शुभ फल देने वाला जयन्ती योग बना। इस साल 6 और 7 दोनों ही दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा सकता है।