ईरान में फंसे 5 भारतीय नाविकों के मामले में दिल्ली HC ने विदेश मंत्रालय को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब
ईरान में फंसे 5 भारतीय नाविकों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
ईरान में फंसे 5 भारतीय नाविकों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया है और इस संबंध में जवाब देने की मांग की है. जस्टिस रेखा पल्ली की कोर्ट ने भारत सरकार के जरिए विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया. दरअसल, नाविकों के परिवारों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए एक याचिका दाखिल की है. इस याचिका में विदेश मंत्रालय को ईरान सरकार के साथ बातचीत कर नाविकों को वापस लाने का निर्देश देने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि ईरान में साजिश के एक मामले में कोर्ट से बरी होने के बावजूद नाविकों के जरुरी दस्तावेज उन्हें वापस नहीं किए गए हैं. याचिका के मुताबिक, 5 भारतीय नाविकों को संयुक्त अरब अमीरात में नौकरी का आश्वासन दिया गया था और उन्हें ईरान ले जाया गया था, जहां वे एक कार्गो पोत पर काम करने लगे. पिछले साल फरवरी में ईरानी अधिकारियों द्वारा पोत में छापेमारी की गई और पोत के कैप्टन समेत भारतीय नाविकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
नशीले पदार्थों की तस्करी की साजिश रचने का लगा था आरोप
भारतीय नाविकों पर गहरे समुद्र में नशीले पदार्थों की तस्करी करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में जहाज के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया. याचिका में दावा किया गया है कि ट्रायल कोर्ट ने इस साल 9 मार्च को सभी नाविकों को बरी कर दिया था, हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने नाविकों को 403 दिनों तक सलाखों के पीछे रहने के बाद भी पासपोर्ट और दूसरे जरूरी प्रमाण पत्र सौंपने से इनकार कर दिया.
याचिकाकर्ताओं की यह भी शिकायत है कि इस मामले को कथित तौर पर ईरान के सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया लेकिन नाविकों को यह नहीं बताया गया कि इस पर अंतिम रूप से फैसला कब होने की संभावना है. याचिका में आगे कहा गया है इस मामले पर अभी भी ईरान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय नहीं लिया गया है, जिसकी वजह से नाविक अधर में हैं. वे ना केवल ईरान में फंसे हुए हैं बल्कि उनके पास आय का कोई साधन भी नहीं है. उन्हें ईरान में कोई रोजगार नहीं मिला है और इन हालातों में रोजगार मिल भी नहीं सकता है. ऐसी स्थिति में उन्हें भीख और उधार मांगना पड़ रहा है.
नाविकों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर
याचिका में कहा गया है कि 10 जुलाई 2021 को तेहरान में विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास को एक वीडियो संदेश के जरिए प्रेजेंटेशन भी दिया गया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की गई थी. याचिका में कहा गया है कि भारतीय नागरिक होने के बावजूद आज तक भारत सरकार और विशेष रूप से विदेश मंत्रालय और तेहरान में भारतीय दूतावास ने उन्हें कोई भी वित्तीय या कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. दूसरी तरफ इन कठिन परिस्थितियों और लंबे इंतजार ने नाविकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी भारी असर डाला है.
याचिका में यह भी मांग की गई है कि जब तक कि उन्हें वापस नहीं किया जाता, तब तक अतिरिक्त चिकित्सा और वित्तीय सहायता, बोर्डिंग सेवाओं के रूप में तत्काल राहत प्रदान करने के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाएं. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को करेगी.