सीमा सड़क संगठन के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Update: 2022-05-07 07:10 GMT

अरुणाचल प्रदेश। सीमा सड़क संगठन (Border Road Organisation) आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है. देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत विकास के के साथ संगठन अपनी शानदार सेवा के 63 वर्ष पूरे कर रहा है. इस मौके पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. स्थापना दिवस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भी हिस्सा लिया है. उन्होंने यहां कहा, 'इस आयोजन का हिस्सा बनकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है. मैं इस बीआरओ परिवार के सभी सदस्यों को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.' राजनाथ सिंह ने कहा कि बीआरओ के पहले प्रोजेक्ट की शुरुआत, अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के भालुकपोंग और टेंगा जैसे सुदूर गांवों को आपस जोड़ने से हुई थी.

उन्होंने कहा, 'आगे चलकर जनपदों, राज्यों और प्रांतों को आपस में जोड़ने वाला बीआरओ, आज हमारे मित्र राष्ट्रों में अपनी सेवाएं देकर उनको हमसे जोड़ने का कार्य कर रहा है. 1960 में सिर्फ दो प्रोजेक्ट्स से बढ़कर, यह अब 18 प्रोजेक्ट्स तक पहुंच गया है.' उन्होंने बताया, 'बीआरओ द्वारा 60,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 850 प्रमुख पुलों, 19 हवाई पट्टियों और 04 सुरंगों का निर्माण किया जा चुका है. मैं इसे मैं बहुत बड़ी उपलब्धि मानता हूं.' रक्षा मंत्री ने कहा कि मानव सभ्यता की यात्रा में सड़कों का बहुत महत्व रहा है. शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार हो या खाद्य-आपूर्ति, सेनाओं की सामरिक जरूरतें हों, उद्योग-धंधे हों या फिर सामाजिक-आर्थिक प्रगति के अन्य कार्य, इन्हें पूरा करने में सड़कों, पुलों और सुरंगों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी समाज या राष्ट्र का सोशल-इकॉनमिक डेवलपमेंट बहुत हद तक वहां के मार्गों से जुड़ा होता है. इसी तरह से 'उत्तरापथ' और 'दक्षिणापथ' का जिक्र भी प्राचीन भारत के इतिहास में मिलता था, जिनका उपयोग उस समय व्यापारियों और तीर्थयात्रियों द्वारा बड़े पैमाने किया जाता था. हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के प्रमुख इंडस्ट्रीयल, एग्रीकल्चरल और कल्चरल केन्द्रों को आपस में जोड़ते हुए स्वर्णिम चतुर्भुज की नींव रखी थी.



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