रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने की मुलाकात

Update: 2021-12-06 04:44 GMT

नई दिल्ली: रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने सुषमा स्वराज भवन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत दौरे पर आ रहे हैं। पुतिन के करीब छह घंटे के भारत दौरे में दोनों देशों के बीच कुल 10 समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। हालांकि, इन रणनीतिक जरूरतों के मद्देनजर इन समझौतों के बारे में अभी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ज्यादातर समझौते सामरिक महत्व के ही होंगे। आइए जानते हैं पुतिन के भारत दौरे की सभी बड़ी बातें...
1. भारत-रूस के बीच 21वां वार्षिक सम्मेलन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 21वें वार्षिक भारत-रूस सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आ रहे हैं। उनके नेतृत्व में रूसी प्रतिनिधिमंडल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेगा। फिर राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच डिनर पर वन टु वन मीटिंग होगी।
2. दो साल बाद पुतिन-मोदी की वन टु वन मीटिंग
राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी 2019 के बाद पहली बार आमने-सामने बैठकर मीटिंग करेंगे। दोनों के बीच नवंबर 2019 में ब्रासीलिया में आयोजित ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन से इतर वन टु वन मीटिंग हुई थी।
3. संबंधों को नया आयाम देने पर होगी चर्चा
राष्ट्रपति पुतिन नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत-रूस संबंधों को नया आयाम देने की रणनीति पर विचार करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करने के विकल्पों समेत पारस्परिक हितों वाले बहुपक्षीय क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा करेंगे।
4. भारत-रूस के बीच 2+2 मीटिंग
उनसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Sergey Shoigu) और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) के साथ मीटिंग है। यह मीटिंग सैन्य-तकनीकी सहयोग पर अंतरसरकारी आयोग (Intergovernmental commission on military-technical cooperation) के तहत होगी। भारत ने इस तरह 2+2 मीटिंग सिर्फ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ ही की है। वॉशिंगटन डीसी में फिर से ऐसी ही एक मीटिंग प्लान की जा रही है।
5. पुतिन के दौरे से भारत को क्या मिलेगा?
भारत और रूस के बीच 10 वर्षीय सैन्य-तकनीकी समझौता संभव है। इससे भारत को 2031 तक रूस से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण का रास्ता खुल जाएगा। भारत को इसका सीधा फायदा रक्षा उपकरणों को लेकर आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य हासिल करने में होगा। मसलन, रूसी तकनीक मिलने से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भविष्य की हथियार प्रणालियां (Futuristic Weapons Systems) विकसित कर पाएगा।
6. बढ़ेगा नौसैनिक समझौतों का सिलसिला
भारत और रूस की नौसेना के बीच भी एक मेमोरेंडम साइन हो सकता है। इसके तहत भारत और रूस की नौसेना के बीच सामान्य सहयोग के तहत युद्धाभ्यासों की संख्या बढ़ाएंगे और एक-दूसरे के साथ खुफिया जानकारियां साझा करने की दिशा में तेज प्रगति होगी। ध्यान रहे कि रूस ने भारत को परमाणु पनडुब्बी लोन पर दे रखा है। 1980 के दशक में पहला आईएनएस चक्र देने के बाद रूस ने भारत को 2011 में अकुला-क्लास परमाणु पनडुब्बी लोन पर दिया था। दूसरी पनडुब्बी के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। वहीं, रूस ने भारत को तीसरी पनडुब्बी भी ऑफर की है।
7. सैन्य अड्डों के इस्तेमाल पर होगी बात
भारत और रूस रसद समझौते का पारस्परिक आदान-प्रदान ( Reciprocal Exchange of Logistics Agreement या RELOS) समझौते पर भी दस्तखत करेंगे। इससे दोनों देशों की नौसेना और वायुसेना एक-दूसरे के अड्डों का इस्तेमाल कर पाएंगी। भारत ने अमेरिका समेत कुछ अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते कर रखे हैं।
8. क्लाशनिकोव पर पहले ही हो चुका समझौता
भारत और रूस 5,200 करोड़ रुपये मूल्य के क्लाशनिकोव डील कर चुके हैं। इसी डील के तहत उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 6.01 लाख एके-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण होगा।
9. पुतिन के सहायक का बयान
राष्ट्रपति पुतिन के सहायक यूरी उषाकोव ने आज मीटिंग के बारे में रूसी मीडिया से कहा था कि भारत के साथ होने वाले करीब 10 समझौते काफी महत्वपूर्ण हैं और इनमें कुछ अर्ध-गोपनीय (semi-confidential) नेचर के हैं। पत्रकारों ने इन समझौतें के नाम जानने की इच्छा जताई तो उषाकोव ने बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने इतना जरूर कहा कि ये समझौते कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिहाज से काफी अहम हैं।
10. साझा बयान का रहेगा इंतजार
पुतिन के दौरे के अंत में दोनों देशों का एक साझा बयान जारी किया जाएगा। इसमे दोनों देशों के बीच हुई बातचीत और समझौतों का अंदाजा लग पाएगा।


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