केंद्र सरकार पर भेदभाव लगाने के आरोप को रक्षा मंत्री ने किया खारिज, ममता बनर्जी को लिखा पत्र
दिल्ली। नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल की नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर बनाई गई झांकी (Bengal Tableau) का शामिल नहीं किये जाने के मुद्दे पर राज्य की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के केंद्र सरकार पर भेदभाव लगाने के आरोप को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने खारिज कर दिया है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर साफ कर दिया है कि गणतंत्र दिवस परेड में झांकी शामिल करने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. बता दें कि इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है. इस अवसर को ध्यान में रखते हुए बंगाल सरकार ने नेताजी को केंद्रित कर झांकी बनायी थी, लेकिन केंद्र ने जानकारी दी है कि बंगाल झांकी को इस बार गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर चुकी हैं.
राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, " मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली झांकियों की चयन की प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है. कला, संस्कृति, संगीत और नृत्य विधाओं के प्रख्यात विद्वानों की समिति राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गये प्रस्तावों के कई दौर पर मूल्यांकन के बाद इनकी अनुशंसा करती है. इसी चयन प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी वर्ष क्रमशः 2016, 2017, 2019 और 2021 में भी गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था."
राजनाथ सिंह ने पत्र में लिखा, " मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हीं और इसलिए व्यक्तिगत रूप से आपको जानकारी देना चाहता हूं कि इस बार 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है. हमारी सरकार ने ही 1943 में नेताजी के नेतृत्व में बनी भारत की नर्वासित सरकार की पचहत्तरवीं वर्षगांठ 2018 में भव्य रूप से मनायी थी और गणतंत्र दिवस परेड में आजाद हिंद फौज के जीवित सेनानियों को शामिल कर सम्मानित किया था." उन्होंने लिखा, " यहां एक और तथ्य से अवगत कराना चाहूंगा कि इस बार सीपीडब्ल्यू की झांकी में भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी है. यह इस तथ्य का साक्षी है कि देश द्वारा महान नेता सुभाष चंद्र बोस की जंयती को प्रमुखता दी जा रही है. स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में गणतंत्र दिवस का यह पर्व केंद्र और सभी राज्यों के लिए एक अति विशिष्ट अवसर है." उन्होंने लिखा, " मुझे आशा है कि उक्त तथ्यों से आपकी शंका का निवारण हो गया होगा और आपका महत्वपूर्ण और सकारात्मक सहयोग गणतंत्र के इस पावन अनुष्ठान के सफल आयोजन में अपना सक्रिय योगदान देगा"