सीवान: बिहार के सारण और सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। कई लोगों की हालत गंभीर है, जिनका सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना को लेकर बिहार के डीजीपी आलोक राज ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने बिहार पुलिस और मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों को घटना की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया है।
बिहार के डीजीपी आलोक राज ने बताया कि जहरीली शराब पीने से अब तक 24 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। सीवान जिले में 20 और सारण जिले में अब तक 4 लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है। बिहार पुलिस सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है। घटना की सूचना मिलते ही बिहार पुलिस के एसपी और डीआईजी ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पटना से मद्य निषेध के अधिकारी प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने जा रहे हैं। शराब की सप्लाई कहां से हो रही है? इसमें कितने शराब माफिया शामिल हैं? सभी का पता लगाया जा रहा है। सभी के खिलाफ गंभीर और सख्त कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल संदेह के आधार पर 9-10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूछताछ के बिंदुओं पर कुछ शराब माफियाओं के नाम सामने आए हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिहार सरकार में मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून होने के बाद भी भारी मात्रा में जहरीली शराब की सप्लाई जारी है। सरकार से कहां पर चूक हो रही है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को शराब से दूरी बनानी चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को बचाने के लिए शराबबंदी कानून बनाया। समाज को शराब के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान से लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से 12 जिलों में शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
बता दें कि अप्रैल 2016 में बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन फिर भी शराब की तस्करी जारी है। हर दिन बिहार में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है।