ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला की मौत, रिम्स डायरेक्टर सहित 3 लोगो पर दर्ज होगा हत्या का मुकदमा

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Update: 2021-07-12 09:41 GMT

रांची। ब्लैक फंगस से संक्रमित महिला की रिम्स (Rims) में इलाज के दौरान मौत हो गई. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी रिम्स में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने से परिजन नाराज नज़र आए और पूरे मामले में रिम्स डायरेक्टर सहित 3 लोगो पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बात कही. गिरिडीह जिले के पचंबा की रहने वाली ब्लैक फंगस संक्रमित 45 वर्षीय उषा देवी आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई और उनकी रिम्स में मौत हो गई. उषा देवी को इलाज के लिए 17 मई को रिम्स लाया गया था.

उषा के इलाज में लापरवाही को लेकर उनके बच्चे सरकार से इक्षा मृत्यु की मांग भी कर रहे थे. बच्चों ने मुख्यमंत्री से भी बेहतर इलाज की गुहार लगाई थी. थक-हारकर बच्चों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, रिम्स निदेशक को चीफ जस्टिस ने कड़ी फटकार लगाई गई और फिर जिस ऑपरेशन को रिम्स ने करने से मना किया था उस ऑपरेशन को रिम्स के डॉक्टरों ने ही किया. मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले अंकित राजगढ़िया ने कहा कि शनिवार शाम से महिला की स्थिति खराब हुई लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे. फिर किसी तरह स्वास्थ्य सचिव और मुख्यमंत्री को जानकारी देने के बाद डॉक्टर आए.

वहीं, रविवार सुबह फिर महिला की स्थिति खराब हुई लेकिन चिकित्सक ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर अब वे पूरे मामले को हाइकोर्ट को बताएंगे. साथही परिजन हत्या का मुकदमा भी रिम्स डायरेक्टर डॉ. कामेश्वर प्रसाद, ईएनटी के डॉ. विनोद और ईएनटी के हेड सीके बिरुआ के खिलाफ दर्ज करवाएंगे.

ब्लैक फंगस संक्रमित मरीज उषा देवी का ऑपरेशन 8 जुलाई को हुआ था. इस ऑपरेशन में ईएनटी विभाग के डॉक्टर, न्यूरो सर्जरी, एनेस्थीसिया के डॉक्टर समेत अन्य लोग भी थे. वहीं, महिला की मौत के बाद उत्पन्न हुई स्थिति को देखते हुए सुरक्षा कारणों से पुलिस को बुलाया गया और परिजनों को शांत कराया गया. वहीं, थाना प्रभारी बरियातू सपन महथा ने बताया कि परिजनों की जो भी शिकायतें हैं उसे लिखित रूप से देने को कहा गया है.

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