ITI के छात्र का मिला शव, फैली सनसनी
थाने से 100 मीटर दूर निर्माणाधीन कांप्लेक्स पर शव पड़ा मिला.
लखनऊ। जानकीपुरम पुलिस ने लापरवाही की हद पार कर दी। आईटीआई छात्र सुजीत वर्मा (29) संदिग्ध हालात में लापता हो गया। पिता ने 22 सितंबर को जानकीपुरम कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। दो दिन बाद जानकीपुरम थाने से 100 मीटर दूर निर्माणाधीन कांप्लेक्स की दूसरी मंजिल पर एक शव पड़ा मिला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। उधर, परिवार वाले सुजीत की तलाश करते रहे। पुलिस से संपर्क करने पर वह खोजने की बात कर टालमटोल करती रही। गुरुवार शाम को परिवार वाले कोतवाली के सामने से गुजर रहे थे, इस बीच उन्हें पास की ही निर्माणाधीन बिल्डिंग में रविवार को एक शव मिलने की सूचना मिली। भागकर वह कोतवाली पहुंचे तो पुलिस कर्मियों ने जो फोटो दिखाई वह सुजीत की थी। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव की शिनाख्त पिता ने बेटे के रूप में की।
जानकीपुरम सेक्टर-एफ निवासी उमापति वर्मा सीतापुर में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। उमापति ने बताया कि बड़ा बेटा सुजीत वर्मा आईटीआई कर नौकरी की तलाश कर रहा था। बीते 21 सितंबर को वह बाइक से मामा चौराहे जाने की बात कहकर निकला था। देर शाम सुजीत की बाइक जानकीपुरम थाने से कुछ दूर खड़ी मिली थी। जिसे वह घर लेकर चले गए। देर रात तक वह वापस लौटकर नहीं आया। तलाश करने के बाद भी सुजीत का कुछ पता नहीं चला। अगले दिन पिता सुजीत की गुमशुदगी जानकीपुरम कोतवाली में दर्ज करा दी। गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठ गई। उधर परिवार के लोग सुजीत की तलाश में भटकते रहे। इंस्पेक्टर जानकीपुरम शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर एसपी वर्मा का कहना है कि भतीजे सुजीत की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद जानकीपुरम पुलिस ने शिनाख्त के लिए कोई प्रयास नहीं किए। जबकि गुमशुदगी दर्ज कराने के दो दिन बाद कोतवाली से सौ मीटर दूर शव मिला था। जहां गुमशुदगी दर्ज थी वहीं की पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। इसके बाद भी किसी ने फोटो का मिलान तक करने की जहमत नहीं उठाई। पिता उमापति वर्मा का कहना है कि एक दिन और बेटे के बारे में कुछ पता नहीं चलता तो उसका अंतिम संस्कार लावारिस में कर दिया जाता।