देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया में ससुर की मौत के मामले में बहु की गिरफ्तारी नहीं होने के चलते परिजनों ने 50 घंटे तक शव को दरवाजे पर रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों व ग्रामीणों के हो-हल्ला और हंगामे के बाद महुवाडीह थाना की पुलिस बैकफुट पर आई और रविवार रात को बहु पर मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुए. आज सुबह पुलिस ने अपनी मौजूदगी में घटना के चौथे दिन शव का अंतिम संस्कार कराया. बहु ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़ चुकी है और उसका पति विदेश रहता है. बताया रहा है कि बहु घर में बंटवारा चाहती है इसलिए आये दिन किसी ने किसी बात को लेकर झगड़ा करती रहती है.
महुवाडीह के ग्राम देवरिया नकछेद के रहने वाले रामेश्वर प्रसाद 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती समारोह से लड्डू लेकर घर लौटे थे. उनकी बेटी ने लड्डू खा लिया, जिसके बाद रात में बहु सुमन अपने सास उर्मिला से झगड़ा करने लगी. जब ससुर ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो बहु ने उसी रात मायके फोन कर अपने भाईयों को बुला लिया.
इसके बाद झगड़ा होने लगा. इसी दौरान रामेश्वर को इस कदर पीट दिया गया कि वह गिर पड़े और नाक से खून निकलने लगा. आनन-फानन में सीएचसी पिपरा दौला कदम ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने इमरजेंसी के लिए रेफर कर दिया. इमरजेंसी के डॉक्टरों ने रामेश्वर प्रसाद को मृत घोषित कर दिया था.
इस मामले में 15 अप्रैल को शव को पीएम के लिए भेजा और दूसरी तरफ पुलिस ने सुमन के दोनों भाईयों भोला और राजकुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. घटना की सूत्रधार बहु सुमन के खिलाफ पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही थी, लेकिन मृतक के परिजन पुलिस द्वारा बहु के खिलाफ कार्यवाई नहीं करने से आक्रोशित थे.
15 अप्रैल की शाम को पोस्टमार्टम के बाद शव को घर ले गए. महुवाडीह एसओ विपिन मलिक के सामने प्रस्ताव रखा कि जबतक बहु की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक वे दाह संस्कार नहीं करेंगे, यह जद्दोजहद 50 घंटे तक चलती रही लेकिन थानेदार बहु की गिरफ्तारी के लिए कतई तैयार नहीं थे.
इसके बाद एडिशनल एसपी राजेश सोनकर भी पहुंचे. पुलिस ने दर्ज हो चुके मुकदमे में विवेचना करते हुए बहु का नाम दर्ज किया और गिरफ्तारी की. इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए. आज सुबह पुलिस ने मौजूदगी में अंतिम संस्कार कराया. पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना की जा रही है.