भरमौर। 4 दिन मौसम खराब रहने के बाद बुधवार को धूप खिलने से मणिमहेश यात्रियों ने राहत की सांस ली। वहीं यात्रियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। लगातार बारिश के चलते प्रशासन को भी 2 बार यात्रा पर आंशिक रोक लगानी पड़ी। हालांकि बाद में मौसम साफ होने पर यात्रा यथावत चालू कर दी गई। अब जबकि बुधवार को अंतिम दिन संचुई के त्रिलोचन महादेव के वंशज यात्रियों को आगे की यात्रा की अनुमति दे रहे हैं तथा वीरवार सुबह वे विधिवत रूप से अपने घरों से निकलकर चौरासी परिक्रमा के बाद यात्रा पर निकल जाएंगे। पालधा गांव में कार्तिकेय मन्दिर से होते हुए रात्रि विश्राम हड़सर मंदिर वहां से रात 2 बजे चलकर धन्छो में कार्तिकेय मन्दिर में जातर करने के बाद डल झील की ओर निकलेंगे। 22 सितम्बर को एक बजे से पहले डल झील को कार्तिकेय भगवान की अनुमति के बाद पार करेंगे।
उधर, बुधवार सुबह दशनाम अखाड़ा चम्बा, चरपट नाथ चम्बा तथा भद्रवाह क्षेत्र से आई दर्जनों छड़ियां विधिवत रूप से मणिमहेश के लिए रवाना हो गईं। ये सभी छड़ियां अपने-अपने पड़ावों से होते हुए 22 सितम्बर सुबह डल झील पर पहुंच जाएंगी तथा राधाष्टमी के पर्व की शुरूआत होने के बाद 24 घंटों तक डल झील पर ही रहेंगी और पर्वी समाप्त होने के बाद वापस लौटेंगी। बुधवार को दशनाम अखाड़ा चम्बा की छड़ी को पूजा-अर्चना तथा परम्पराओं के निर्वहन के बाद डल झील के लिए विधिवत रवाना किया गया, जिसे भरमौर के मुख्य पुजारी लक्ष्मण दत्त शर्मा ने अपने कंधे पर उठाकर आगे तक विसर्जित किया।